5 सिम्पल स्टेप्स में घर पर उगाएं टमाटर

Update: 2023-05-03 16:42 GMT
आपने किचन गार्डन के बारे में बहुत पढ़ा होगा. आज किचन गार्डन के फ़ायदों के बारे में पढ़ने के बजाय आइए हम टमाटर उगाना सीखते हैं. और वह भी आर्गैनिक तरीक़े से. इन पांच सिम्पल से स्टेप्स से आप अपनी बालकनी की ख़ाली जगह, विंडो सिल, टैरेज या घर के बाहर की जगह को किचन गार्डन में तब्दील कर सकते हैं. घर में टमाटर उगाकर न केवल आप पैसे बचाएंगे, बल्कि ऑर्गैनिक उत्पाद का इस्तेमाल करने वाली संतुष्टि भी आपको मिलेगी.
स्टेप: 1
सबसे पहले ऐसी जगह चुनें, जहां पर्याप्त धूप आती हो. दरअस्ल, टमाटर के पौधे को दिन में कम से कम आठ से 10 घंटे की धूप चाहिए होती है.
स्टेप: 2
जितना संभव हो उतना बड़ा गमला चुनें. टमाटर के पौधे को काफ़ी पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है तो इसलिए यह ज़रूरी हो जाता है कि गमले में पर्याप्त मिट्टी हो. आप स्थानीय नर्सरी से गार्डन सॉइल ख़रीद सकते हैं. जैसे-जैसे पौधा बढ़ेगा आपको समय-समय पर मिट्टी की पोषकता को बढ़ाने का प्रबंध करना होगा. आप बायो‌डीग्रेडेबल किचन वेस्ट को इस गमले में डालें. इससे ख़ाद तैयार होगी. इसके अलावा गमले की मिट्टी में केंचुए या अंडे के छिलके डालने से भी बात बन सकती है.
स्टेप: 3
आप किसी टमाटर से बीज निकालें. अगर बीज की क्वॉलिटी को लेकर सुनिश्चित न हों तो स्थानीय नर्सरी से टमाटर के बीज ख़रीद सकते हैं. उसके बाद कुछ पेपर कप्स लें और उन्हें एक इंच तक गमले की मिट्टी डालकर भरें. फिर टमाटर के बीज डालें. उसके बाद ऊपर से मिट्टी डालकर बीजों को ढंक दें. कुछ दिनों तक पेपर कम पर पानी का छिड़काव करते रहें. कुछ दिनों बाद आपको अंकुर आते दिखेंगे. जब अंकुर की लंबाई लगभग एक इंच हो जाए तब पेपर कप को काटकर पौधे को गमले में प्लांट कर दें. एक गमले में केवल एक पौधा लगाएं. अगर गमले में एक से ज़्यादा पौधे होंगे तो टमाटरों का उत्पादन कम होगा.
How to grow tomato plant in your kitchen garden
स्टेप: 4
पौधों की देखरेख के क्रम में यह बहुत ज़रूरी है कि उनकी जड़े खुलने न पाएं. मिट्टी हल्की नम रहे, पर बहुत ज़्यादा गीली नहीं. जब पौधे बड़े होने शुरू हो जाएं तो उन्हें लकड़ी का सहारा दे दें, वर्ना वे फलों के बोझ से झुक जाएंगे. पौधे रोपने से पहले ही गमले में लकड़ी लगाकर पौधों को सहारा देने का बंदोबस्त कर दें, बाद में यह काम उतना आसान नहीं रह जाता. गमले में लकड़ी घुसाने के चक्कर में जड़ों को नुक़सान पहुंच सकता है.
स्टेप: 5
पौधे को रोज़ाना पानी दें. गर्मियों में जब पारा काफ़ी चढ़ जाए तो दो बार पानी देने की ज़रूरत होगी. ठंडी के मौसम में एक बार पानी देने से काम चल जाएगा. पौधे को शेप में रखना भी बहुत ज़रूरी है. मुरझानेवाले ब्रांचेस की बीच-बीच में कटाई-छंटाई करते रहे. सूखी पत्तियों और ब्रांचेस को तोड़कर वापस गमले में डाल दें. इससे मिट्टी की पोषकता बढ़ती है. आपका पौधा ज़्यादा टमाटर देगा
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