क्या आपको भी रहती हैं गर्दन में दर्द की परेशानी, ये योगासन दिलाएंगे आपको आराम
लेकिन कई लोग इस वर्क फ्रॉम होम के चक्कर में कई बीमारियों का सामना भी कर रहे हैं जिसमें से एक हैं गर्दन में दर्द की परेशानी। काम के दौरान लंबे समय तक गर्दन को झुकाकर फोन पर बात करने और एकटक लैपटॉप पर काम करने की वजह से गर्दन दर्द की समस्या हो ही जाती हैं। कई लोग पेनकिलर की मदद से भी इससे छुटकारा पाने की कोशिश करते हैं लेकिन यह सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे योगासन लेकर आए हैं जिनकी मदद से गर्दन में दर्द की परेशानी से निजात पाई जा सकती हैं। तो आइये जानते है इन योगासन के बारे में
मार्जरी आसन
मार्जरी आसन का अभ्यास करने से आपको एक नहीं कई लाभ होते हैं। सबसे पहले तो यह आपकी रीढ़ को अधिक लचीला बनाता है। जिससे बैक संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। साथ ही साथ, यह इससे आपका पाचन तंत्र भी बेहतर तरीके से काम करता है। गर्दन दर्द के अलावा, यह आपके कलाई और कंधों को भी मजबूत करता है। साथ ही साथ ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर बनाता है।
- सबसे पहले घुटनों और हाथ के बल मैट पर बैठें।
- कमर को बाहर तरफ की ओर खींचे। इस दौरान आपको पीठ में खिंचाव महसूस होगा।
- सांस लेते हुई सिर को ऊपर की तरफ, छत की ओर ले जाएं।
- उसके बाद, कमर को थोड़ा ढीला छोड़ें और सिर को छाती की तरफ लाएं।
- इन दोनों पॉश्चर में लगभग 30 सेकंड अभ्यास करें।
- अगर आपको पीठ या गर्दन से संबंधित समस्या है, तो आप इस आसन का अभ्यास करने से परहेज करें।
विपरीत करणी आसन
विपरीत करणी आसन सिर्फ गर्दन के दर्द के लिए ही नहीं, बल्कि कमर दर्द से भी राहत दिलाता है। हालांकि, अगर आपको पीठ या कमर दर्द से जुड़ी कोई गंभीर समस्या है तो एक्सपर्ट की सलाद के बिना इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं।
- अब, अपने पैरों को सीधा ऊपर उठाएं।
- पैर छत के समानांतर हैं और आपके पैर दीवार को छू रहे हैं।
- हथेलियों को ऊपर की ओर रखते हुए शरीर के बगल में अपनी बाहों के साथ आराम करें।
- लंबी गहरी सांसें लें। घुटनों को पहले लाते हुए धीरे-धीरे नीचे आएं। फिर अपनी बाईं ओर मुड़ें और धीरे से बैठ जाएं।
बालासन
बालासन का नियमित अभ्यास ना केवल आपको गर्दन के दर्द से राहत दिलाता है, बल्कि इससे आपकी बैक को काफी आराम मिलता है। साथ ही साथ इससे आपकी कब्ज की समस्या भी दूर होती है और नर्वस सिस्टम पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले मैट बिछाकर एड़ी पर बैठ जाएं।
- अब, अपने कूल्हों को एड़ी पर टिकाएं, आगे झुकें, और अपने माथे को फर्श पर नीचे की ओर ले जाएं।
- अपनी बाहों को अपने शरीर के साथ फर्श पर रखें, हथेलियां ऊपर की ओर होनी चाहिए।
- धीरे से अपनी छाती को अपनी जांघों पर दबाएं और कुछ मिनट के लिए इस स्थिति में रहें।
- इसके बाद, धीरे-धीरे पुनः सामान्य अवस्था में लौट आएं।
- अगर आप गंभीर पीठ या घुटने की चोट से जूझ रहे हैं तो इस आसन को ना करें।
- वहीं, गर्भवती महिलाओं को भी इस आसन को करने से बचना चाहिए।