कई बार घर की सफाई करते समय आपको कई पुरानी और एक्सपायर्ड दवाएं मिल जाती हैं। जिसकी आपको आवश्यकता नहीं है। अक्सर लोग दवा को सीधे कूड़ेदान में फेंक देते हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि दवा को फेंकने को लेकर अलग-अलग नियम होते हैं।लेकिन एक ऑनलाइन रिपोर्ट के मुताबिक कुछ दवाएं ऐसी भी हैं जिन्हें एफडीए ने फ्लश लिस्ट में डाल दिया है। जो हाइड्रोकोडोन हाइड्रोमोर्फोन, मेपेरिडी, ब्यूप्रेनॉर्फिन और फेंटेनल हैं। आप उन्हें फ्लश कर सकते हैं।
लेकिन सभी प्रकार की दवाओं को फ्लश नहीं किया जा सकता। ऐसा इसलिए क्योंकि पानी में मिली कई दवाएं लोगों पर बुरा असर डाल सकती हैं। ये दवाएं पर्यावरण के लिए भी हानिकारक साबित हो सकती हैं। ऐसी दवाओं को पहले पैकेट से निकाल दें। इसके बाद इन्हें पीस लेना चाहिए। इसके बाद इन्हें मिट्टी या कूड़े में मिलाकर प्लास्टिक की थाली में पैक कर कूड़ेदान में फेंक देना चाहिए।जब हम किसी दवाई को इस तरह फेंकते हैं तो यह पर्यावरण को खराब तरीके से प्रभावित कर सकती है। इन्हें कोई भी बिल्ली, कुत्ता या कोई भी जानवर खा सकता है। इसलिए इन दवाओं को ऐसे ही नहीं फेंकना चाहिए। इस तरह फेंकने से ये दवाएं इंसानों या जानवरों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
ऑनलाइन रिपोर्ट्स के मुताबिक एक्सपायर्ड दवाओं को फेंकने के सही तरीके के बारे में हमें सभी को जागरुक करना चाहिए। क्योंकि लोगों को इस बात की बहुत कम जानकारी होती है कि उन्हें दवा कहां लौटानी चाहिए। लोगों को ऐसे ड्रग टेक बैक सेंटर या ऐसी फार्मेसियों के बारे में कम जानकारी होती है। लोगों को इस बारे में जागरूक होना चाहिए कि ये दवाएं पर्यावरण को कैसे नुकसान पहुंचा सकती हैं। तो अगली बार जब आपको घर पर एक्सपायर्ड दवा मिले तो आप उसे फेंकने के लिए इन नियमों का पालन कर सकते हैं। इससे आप लोगों, जानवरों और पर्यावरण को सुरक्षित रख सकेंगे। साथ ही अन्य लोगों को भी एक्सपायर्ड दवा को फेंकने के नियमों के बारे में जागरूक करें।