फेफड़ों का गंभीर रोग है COPD, स्मोकिंग करने वालों के लिए सतर्क रहना बेहद जरुरी

वालों के लिए सतर्क रहना बेहद जरुरी

Update: 2023-08-17 12:59 GMT
क्रॉनिक ऑब्‍सट्रक्टिव पल्‍मोनरी डिजीज को सीओपीडी (COPD) के नाम से भी जाना जाता है। जो अस्थमा से कहीं ज़्यादा गंभीर बीमारी है। इस बीमारी से ग्रसित मरीज के फेफड़ों के वायुमार्ग सिकुड़ जाते हैं, जिस वजह से सांस लेने में परेशानी आती है। दरअसल, फेफड़ेबहुत स्पॉन्जी होते हैं, जब हम सांस के ज़रिए हवा अंदर लेते हैं, तो ऑक्सिजन हमारे खून के अंदर मिल जाती है और कार्बनडाइऑक्साइड बाहर चली जाती है। सीओपीडी की स्तिथि में शरीर के अंदर से कार्बन डाई ऑक्साइड बाहर नहीं निकल पाती। है।COPD रोग में मरीज़ को सांस लेने में परेशानी होना, गहरी सांस लेना, सांस लेने के लिए सीने की मांसपेशियों और गर्दन का प्रयोग करना, कफ, खांसी, जुकाम, सीने में जकड़न, वज़न कम होना, दिल से जुड़ी समस्याएं, फेफड़ों का कैंसर आदि लक्षण देखे जा सकते हैं। COPD के लक्षणों का समय पर पता लगा लिया जाए तो इस बीमारी से निजात पाया जा सकता है।COPD की समस्या से पीड़ित लोगों में हृदय संबंधित बीमारियों, फेफड़ों के कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा पाया जाता है। सीओपीडी के लक्षण आमतौर पर तब ही दिखते हैं जब फेफड़ों को काफीनुकसान पहुंच चुका होता है। अगर कोई लगातार स्मोकिंग करता रहता है तो समय के साथ यह समस्या और भी ज्यादा बढ़ने लगती है।COPD की समस्या से छुटकारा पाने के लिए जरूरी है कि आप समय रहते इसके संकेतोंको पहचाने ताकिइस बीमारी का इलाज किया जा सके।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इस बीमारी के विकसित होने की संभावना अधिक होती है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के फेफड़े छोटे होते हैं और वह सिगरेट या अन्य तरह के धुएं के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। फेफड़ों से संबंधित बीमारियों को बढ़ाने में एस्ट्रोजन भी एक मुख्य भूमिका निभाता है। दवाइयों, ऑक्सीजन थेरेपी आदि से इस बीमारी से निजात पाया जा सकता है।
आइए जानते हैं COPD के लक्षणों के बारे में
क्रॉनिक कफ
COPD का एक मुख्य लक्षण लंबे समय से खांसी या कफ का रहना है। सीओपीडी की समस्या होने पर व्यक्ति को लगातार पूरे दिन खांसी की परेशानी से जूझना पड़ता हैं। आमतौर पर, अगर आपको 4 से 8 हफ्तों से ज्यादा कफ की शिकायत रहती है तो तो यह सीओपीडी के शुरुआती लक्षणों में गिना जा सकता है।
पीला या हरा बलगम
COPD का दूसरा मुख्य लक्षण बहुत अधिक मात्रा में बलगम का बनना है। ऐसे में अगर आपके बलगम का रंग पीला या हरा नजर आता है तो यह किसी इंफेक्शन की ओर इशारा करता है।
सांस लेने में परेशानी
COPD का तीसरा मुख्य लक्षण सांस लेने में परेशानी का होना है। काफी देर तक चलने के बाद या चढ़ाई चढ़ने के बाद अगर आपको थकान महसूस होती है तो यह आपके फेफड़े कमजोर होने की और संकेत करता है।
बिना किसी कारण के वजन कम होना
COPD का चौथा मुख्य कारण बिना किसी वजह के वजन का लगातार कम होना है। अगर आपका भी वजन बिना किसी वजह से लगातार गिर रहा है तो जरूरी है कि आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
COPD के कारण
COPD का खतरा उन लोगों में सबसे ज्यादा पाया जाता है जो सिगरेट या तंबाकू क सेवन काफी ज्यादा मात्रा में करते हैं वहीं, इसका एक और मुख्य कारण प्रदूषण भी है। गाड़ियों से निकलने वाला धुंआ और उनसे निकलने वाली ज़हरीली गैस हमारे फेफड़ों के लिए सबसे ज़्यादा ख़तरनाक है। यहां तक कि गांव या कस्बों में लकड़ी और उपलों से चूल्हा जलाकर खाना पकाया जाता है, ये धुंआ भी उतनी ही हानीकारक होता है। सिर्फ इतना ही नहीं, धूल, मिट्टी, डस्ट सांस के साथ शरीर के अंदर जाकर फेफड़ों को गहरा नुकसान पहुंचाते हैं।
इन लोगों को है सीओपीडी का सबसे अधिक खतरा
तंबाकू का सेवन करने वाले
अगर आप लंबे समय से तंबाकू का सेवन कर रहे है तो आपको सीओपीडी का खतरा काफी ज्यादा होता है। आप जितनी अधिक मात्रा में सिगरेट का सेवन करते हैं सीओपीडी का खतरा उतना ही अधिक बढ़ता है। इसके अलावा जो लोग सिगार या गांजा पीते हैं उन्हें भी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
अस्थमा के मरीजों को
अस्थमा के मरीजों को भी सीओपीडी का खतरा काफी ज्यादा होता है। अगर आपको अस्थमा है और आप साथ में धुम्रपान भी करते हैं तो सीओपीडी का खतरा और भी अधिक बढ़सकता है।
धूल और केमिकल्स के संपर्क में रहना
जो लोग काफी लंबे समय तक धूल और केमिकल्स के संपर्क में रहते हैं उन्हें भी COPD होने का खतरा काफी अधिक होता है।
श्वसन संक्रमण
COPD की समस्या से पीड़ित लोगों को जुकाम, फ्लू और निमोनिया आसानी से होता है। सीओपीडी के साथ ही श्वसन संक्रमण होने पर फेफड़ों के टिशू डैमेज होने लगते हैं जिससे मरीज की परेशानी काफी अधिक बढ़ सकती हैं।
हृदय संबंधित दिक्कतें
माना जाता है कि सीओपीडी से पीड़ित मरीजों में हृदय संबंधित बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा होता है। हालांकि, इसके कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं।
फेफड़ों का कैंसर
सीओपीडी के मरीजों में फेफड़ों का कैंसर होने की संभावना काफी ज्यादा होती है। फेफड़ों की धमनियों में हाई ब्लड प्रेशर- सीओपीडी के कारण फेफड़ों तक खून ले जाने वाली धमनियों में ब्लड का प्रेशर ज्यादा होने की दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
डिप्रेशन
सीओपीडी से पीड़ित लोगों को किसी भी काम को करते समय सांस लेने में दिक्कतका सामना करना पड़ता है। इस गंभीर समस्या से निपटने के दौरान बहुत से लोग डिप्रेशन में आ जाते हैं।
सीओपीडी से कैसे पाया जाए निजात
अब सवाल उठता है कि आखिर इस बीमारी से निजात या फिर कैसे बचा जा सकता है। अत्यधिक मात्रा में धूम्रपान करने वाले लोगों में सीओपीडी का खतरा अधिक रहता हैं। ऐसे में इस बीमारी से आप बचा रहना चाहते है तो तुरंत प्रभाव से धूम्रपान छोड़ दें। सीओपीडी का दूसरा मुख्य कारण धूल, और केमिकल्स के संपर्क में बहुत अधिक रहना है। इसके लिए जरूरी है कि आप अपना खास ख्याल रखें और ऐसे उपकरणों का इस्तेमाल करें जिससे आप अपनी श्वसन प्रणाली को सुरक्षा प्रदान कर सकें।
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