बच्चों को चॉकलेट खिलाने की सही उम्र का होना आवश्यक, जानें क्या हैं इसके नुकसान और फायदे
बच्चे अक्सर मीठे में सबसे ज्यादा चॉकलेट पसंद करते हैं. लेकिन बच्चों के लिए चॉकलेट की ज्यादा मात्रा नुकसानदायक हो सकती है. इसका कारण है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| बच्चे अक्सर मीठे में सबसे ज्यादा चॉकलेट पसंद करते हैं. लेकिन बच्चों के लिए चॉकलेट की ज्यादा मात्रा नुकसानदायक हो सकती है. इसका कारण है चॉकलेट में पाया जाने वाल कैफीन. यह बच्चों की सेहत पर बुरा असर डाल सकता है. ज्यादा मात्रा में चॉकलेट खाने से ब्ल ड प्रेशर और दिल की धड़कन तेज हो सकती है.
इसके अलावा चॉकलेट में दूसरे कई ऐसे तत्व होते हैं जो बच्चों सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं. चॉकलेट में पाए जाने वाले थियोब्रोमाइन और फेनाइलेथैलामाइन बच्चे के नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकते हैं. वहीं, एन्डामाइड एसिड से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है.
बच्चे के एक साल का होने तक चॉकलेट न दें
बच्चे के एक साल के होने के बाद ही उसको डार्क चॉकलेट खिलाना शुरू करना चाहिए. सालभर का होने तक उसे चॉकलेट नहीं देनी चाहिए. चॉकलेट खिलाने पर इस बात को भी जांचना चाहिए कि बच्चे को चॉकलेट किसी प्रकार की एलर्जी तो नहीं है.
चॉकलेट के फायदे
बच्चों के चॉकलेट खाने से कई तरह के फायदे भी होते हैं जो उनके विकास में मददगार होते हैं
दिमाग का तेज होना
चॉकलेट मे फ्लेवोनोल्स होता है. यह बच्चे के मस्तिष्क के विकास में सहायक होता है और उसके दिमाग को तेज करता है.
सेल रिपेयरिंग
चॉकलेट में प्रचुर मात्रा एंटीऑक्सीडेंट होते हैं. यह एंटीऑक्सीडेंट सब्जियों और फलों में पाए जाते हैं जो कोशिकाओं की मरम्मसत का काम करते हैं.
ब्लड सर्कुलेशन में मददगार
चॉकलेट में पाए जाने वाला फ्लेवेनॉल्स खून के थक्के बनने से रोकता है. साथ ही यह ब्लेड सर्कुलेशन में सुधार लाता है. चॉकलेट से ह्रदय के कार्य में सुधार भी आता है.
बैड कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक
बच्चों में कोलेस्ट्रॉल को लेकर चिंता नहीं होती है. लेकिन चॉकलेट बैड कोलेस्ट्रॉल एलडीएल को कम करने और अच्छा कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में सहायक होती है.
मूड को अच्छा बनाती है चॉकलेट
चॉकलेट में पाया जाने वाला एंडोर्फिन व्यक्ति में खुशी की भावना पैदा करता है और मूड को अच्छा करता है.