हींग, फेरूला हर्ब से निकाले गए चिपचिपे पदार्थ को सुखाकर व पीसकर पाउडर के रूप तैयार किया जाता है, जिसे हम इस्तेमाल करते हैं. रोज़ाना के खाने में अगर आप बस चुटकीभर हींग का इस्तेमाल करते हैं, तो इससे पेट संबंधित कई बीमारियां, जैसे एसिडिटी, ब्लॉटिंग, वर्म्स, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम और अन्य बीमारियों को रोकने में मदद मिलती है. आपको यह सब फ़ायदे इसके ऐंटी-वायरल, ऐंटी-बैक्टीरियल और ऐंटी-इंफ़्लेमेटरी गुणों के कारण मिलते हैं. हींग अस्थमा से लेकर आम सर्दी-ज़ुकाम और दूसरी सांस संबंधी बीमारियों को कम करने में भी मदद करती है. हींग के नियमित सेवन से मासिक धर्म की गड़बड़ियों और अनियमितताओं को भी ठीक किया जा सकता है.
हींग कई पोषण तत्वों से भरपूर होती है, जैसे-कैल्शियम, फ़ाइबर, फ़ॉस्फ़ोरस, आयरन और कॉम्प्लेक्स कार्ब्स. इसे ऐंटी-डिप्रेसेंट और ऐफ्रोडीज़िक यानी कामोत्तेजक भी कहा जाता है! गर्भवती महिलाओं और नर्सिंग मदर्स को हमेशा इसके इस्तेमाल की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह छोटे बच्चों के लिए बहुत ही फ़ायदेमंद और उनके अनुकूल भी होती है. छोटे बच्चे के पेट दर्द को ठीक करने के लिए इसे गर्म पानी के साथ से घोलकर पिलाया जा सकता है और उसे नाभि पर लगा सकते हैं.
हींग को करी या दाल में शामिल करके खाने के अलावा आप हर दिन हींग वाला पानी भी पी सकते हैं. बस एक ग्लास पानी में चुटकीभर हींग डालकर उबाल लें और उसे हल्का ठंडा करके पिएं. इससे डायजेशन अच्छा होता है. इसके अलावा एक चुटकी हींग में थोड़ा-सा पानी मिलाकर पेस्ट बनाकर नैचुरल रेमेडिज़ की तरह मुंहासों, रैशेज़ और चेहरे पर पड़े निशानों को ठीक करने के लिए लगाया जा सकता है.