तेज़ी से बढ़ती महंगाई, लाइफ़स्टाइल ख़र्चों में हो रहा इज़ाफ़ा, कॉन्ट्रैक्ट वाली नौकरयों के दौर में पैसे बनाएं और बढ़ाएं कैसे? इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने के लिए हमने एक्स्पर्ट से बात कर जाना पोर्टफ़ोलियो डाइवर्सिफ़िकेशन का सही तरीक़ा.
निवेश करने से पहले हमें बाज़ार को अच्छी तरह समझने का प्रयास करना चाहिए. फ़ायनैंशियल एड्वाइज़र रुचि खेतल बताती हैं,“मुनाफ़ा पाने के लिए अपनी कमाई को इन्वेस्ट करने का सबसे सही तरीक़ा है-पोर्टफ़ोलियो डाइवर्सिफ़िकेशन. इसका अर्थ यह है कि अपना सारा पैसा कहीं एक स्थान पर लगाने की बजाए कई अलग-अलग स्थानों पर लगाएं. पोर्टफ़ोलियो डाइवर्सिफ़ाइड करके हम जोखिम को घटाते हैं. कई बार लोग पोर्टफ़ोलियो डाइवर्सिफ़िकेशन को ग़लत भी बताते हैं, इससे होने वाले घाटे पर ज़्यादा बात करते हैं. पर मैं मानती हूं कि पोर्टफ़ोलियो डाइवर्सिफ़िकेशन से लाभ ज़्यादा है, हानि कम. मैं निवेश के बारे में सबसे चर्चित कहावत ‘लो रिस्क, लो प्रॉफ़िट, हाई रिस्क, हाई प्रॉफ़िट’ पर विश्वास करती हूं. हर इंसान की अपनी ज़रूरत, लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता होती है और उसके अनुसार ही उसे इन्वेस्टमेंट प्लैन चुनने चाहिए. हमेशा अपने इनवेस्टमेंट को कुछ इस तरह से प्लैन करें कि कैल्क्यूलेटेड रिस्क पर बेहतर लाभ मिल सके. इस काम में पोर्टफ़ोलियो डाइवर्सिफ़िकेशन बहुत मदद करता है.” जब आप अपने पैसे को अलग-अलग जगहों पर इन्वेस्ट करते हैं, तो सबसे बड़ा लाभ आपको कैपिटल गेन के रूप में मिलता है. जैसे बहुत सारे डेवलपमेंट सेक्टर हैं, बिज़नेस सेक्टर, फ़ार्मा सेक्टर, टेक्नोलॉजी और दूसरी कंपनीज़ हैं, जहां रोज़मर्रा के प्रोजेक्ट बनते हैं. यहां अपनी कमाई का कुछ हिस्सा इन्वेस्ट करें, क्योंकि यहां ग्रोथ ज़्यादा होती है. वहीं दूसरी तरफ़ कुछ पैसे इक्विटी में डालें और कुछ मिडकैप कंपनी में जहां ग्रोथ कम है, पर वहां पैसा सुरक्षित है. जबकि स्मॉल कैप सेक्टर में ग्रोथ तो तेज़ी से होती है, लेकिन एक स्तर पर जाकर रुक जाती है. बेहतर यही होगा कि यह काम किसी सर्टिफ़ाइड फ़ायनैंशियल एड्वाइज़र की सलाह से किया जाए. हमने तीन ऐज-ग्रुप में इन्वेस्टमेंट की योजनाओं को बांटा है, ताकि किस उम्र के लोगों को अपने निवेश को कैसे सुरक्षित रखते हुए बेहतर लाभ के लिए तैयार किया जा सकता है, इसके बारे में पूरी जानकारी हासिल की जा सके.
25 से 35 वर्ष के लोगों के लिए
इस उम्र में लोग ज़िंदादिल होते है. कम कमाते हैं फिर भी बेफ़िक्र ख़र्च करते हैं. यह ज़िंदगी का लुत्फ़ उठाने वाली उम्र है. रुचि बताती हैं,“मेरे पास बहुत से युवा शॉर्ट टर्म गोल लेकर आते हैं, जैसे किसी को दो साल बाद कार ख़रीदनी है और रु5,000 प्रति माह इन्वेस्ट करना है. किसी को एक साल बाद महंगा आई फ़ोन ख़रीदना है और रु3,000 प्रति माह इन्वेस्टमेंट करने के लिए हैं. इस उम्र के लोगों का वेतन कम होता है और इसलिए वे अपने लक्ष्य भी शॉर्ट टर्म रखते हैं. लेकिन यह ऐसी उम्र है कि अगर कोई इन्वेस्टमेंट को लेकर गंभीर है तो उसका आने वाला भविष्य सुरक्षित और सुंदर हो सकता है. इस उम्र में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करना बहुत ही लाभकारी क़दम है.” उदाहरण के लिए यदि कोई युवक या युवती 25 साल की है और वह हर महीने रु2,000 इनवेस्ट करता/करती है और यह क्रम लगातार चलता रहता है, तो जब वह 60 वर्ष का होगा/होगी तो उसके 1 करोड़ 35 लाख रुपए जमा हो जाएंगे. यह बहुत ही सुरक्षित आकलन है, जो 12 प्रतिशत पर आधारित है. जबकि इससे भी ज़्यादा पैसे बनाए जा सकते हैं. इस उम्र में इस तरह एक छोटी राशि का निवेश किया जाना बहुत मायने रखता है. इस उम्र के लिए हर किसी का अलग-अलग प्लैन हो सकता है. क्योंकि कोई 15 हज़ार कमाता है, तो कोई एक लाख. अपनी क्षमता अनुसार निवेश करें. इस वक़्त आप थोड़ा ज़्यादा जोखिम लेकर अपने निवेश का बड़ा हिस्सा ग्रोइंग कंपनियों में भी लगा सकते हैं. लेकिन याद रखें, बिना एड्वाइज़र की सलाह के किसी ग्रोइंग कंपनी में निवेश घाटे का सौदा हो सकता है. 70 प्रतिशत इक्विटी में डालें, यह लॉन्ग टाइम इन्वेस्टमेंट है. इसमें आपका कैपिटल ग्रोथ होता है, जोखिम ज़्यादा है, लेकिन उस लिहाज़ से प्रॉफ़िट भी बढ़िया है. यहां हम आपकी निवेश राशि का 20 प्रतिशत बैलेंस फ़ंड में डालने की सलाह देते हैं. यह फ़ंड इक्विटी और डेब्ट को मिलाकर बनाया जाता है, जो कि काफ़ी सेफ़ फ़ंड है. इसमें ग्रोथ भी अच्छा होता है. बाक़ी बचे पैसों में से 10 प्रतिशत हाइब्रिड फ़ंड में निवेश करना फ़ायदे का सौदा हो सकता है. इस फ़ंड में पहले महीने से ही एक अमाउंट आपके अकाउंट में आना शुरू हो जाता है.
से 50 वर्ष के लोगों के लिए
35 वर्ष की उम्र तक लोग लगभग सेटल हो चुके होते हैं. इस दौरान आप अपना भविष्य संवारने की दिशा में सोचने लग जाते हैं. यहां आपका लक्ष्य अापका बुढ़ापा, बच्चे की पढ़ाई और उसकी शादी होता है. आपको निवेश बाज़ार की ओर बढ़ना चाहिए. रुचि बताती हैं,“अलग-अलग जगहों पर निवेश कर पैसों को सुरक्षित रखने का सबसे सही वक़्त यही है. आमतौर पर लोग रियल स्टेट का रुख़ करते हैं, पर मेरे अनुसार रियल स्टेट में अब कोई ख़ास मुनाफ़ा नहीं मिलनेवाला. हर किसी की इन्वेस्टमेंट क्षमता अलग-अलग होती है. आपको यह तय करना चाहिए कि आपको आने वाले दिनों में कितने पैसे की ज़रूरत है. फिर फ़ायनैंशियल एड्वाइज़र के साथ मिलकर अपने पैसे निवेश करें. किसी भी क़ीमत पर एक ही स्थान पर निवेश न करें. इस उम्र में भी हमारी जोखिम कैपिसिटी ठीक होती है. इसलिए आप अपने निवेश का 50 प्रतिशत इक्विटी में लगा सकते हैं.” अपनी निवेश राशि का 30 प्रतिशत बैलेंस फ़ंड में डाल सकते हैं. बाक़ी बचे पैसों को अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार निवेश करें.
50 और उससे ज़्यादा वर्ष के लोगों के लिए
इस उम्र में हम जोखिम नहीं ले सकते, इसलिए हमें अपने पैसे को बहुत संभालने की ज़रूरत होती है. एक्स्पर्ट्स की मानें, तो जो लोग अच्छा कमा चुके हैं, वे अपने निवेश का 35 प्रतिशत इक्विटी में लगा सकते हैं. बाक़ी बचे पैसों में से 40 प्रतिशत हाइब्रिड फ़ंड में निवेश करना अच्छा हो सकता है. उम्रदराज़ लोगों के लिए हाइब्रिड फ़ंड एक बेहतर विकल्प है, क्योंकि इससे हर महीने आपके खाते में एक तय राशि आती रहती है. लगातार पैसे आने से आपका आत्मविश्वास बढ़ता है. और अंतिम बचे 30 प्रतिशत को लिक्विड फ़ंड में डालना एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
इस सलाह के बावजूद हम आपको सचेत करना चाहते हैं कि आप अपनी मेहनत की कमाई को निवेश करने से पहले किसी सर्टिफ़ाइड फ़ायनैंशियल एड्वाइज़र से मिलें. उसे अपनी ज़रूरत के हिसाब से अपने पैसे को निवेश करने की योजना बनाने के लिए कहें. आप जब डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट करते हैं, तो आपके जोखिम की मात्रा बढ़ सकती है. अपने एड्वाइज़र की सलाह को परखें और अपना निवेश अलग-अलग क्षेत्रों में करें.
होममेकर भी कर सकती हैं निवेश
आज के ज़माने में महिलाओं के सामने बहुत-सी चुनौतियां हैं, लेकिन वे उन्हें पार कर अत्यंत सक्षम भी हो गई हैं. फिर वे नौकरी करने वाली हों या होममेकर. नौकरी करनेवाली महिलाओं के साथ-साथ होममेकर्स को भी अपनी बचत को सही जगह पर निवेश करने की ज़रूरत है. नोटबंदी के दौरान पता चला कि होममेकर्स ने भी बड़े पैमाने पर बचत की हुई थी. पर सालों से रखे उनके रुपए में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई. जबकि अगर इन लोगों ने अपने पैसे को घर में रखने की बजाए कहीं निवेश किया होता, तो इनमें से कइयों का पैसा दो गुना भी हो सकता था. अपने पैसों को अलग-अलग हिस्सों में बांटकर मैनेज करेंगी, तो यह आपको बहुत अच्छा रिटर्न देगा. होममेकर्स को इक्विटी, म्यूचुअल फ़ंड, बॉन्ड्स आदि में निवेश करना चाहिए. अपने पोर्टफ़ोलियो पर गहरी नज़र रखें. भले ही, आपने अपना पोर्टफ़ोलियो किसी एड्वाइज़र के भरोसे ही क्यों न छोड़ा हो.