क्या गेहूं के दाने आपके स्वास्थ्य के लिए ठीक हैं?

Update: 2023-06-27 12:36 GMT
वीट बेरीज़ (गेहूं के दाने) सच में बेरीज़ नहीं है, बल्कि यह एक तरह का साबुत अनाज है! भारत के कई राज्यों में इसे गेहूं या दूसरे अन्य नामों से जाना जाता है. यह अन्य साबुत अनाजों जैसे धान, बाजरा, ज्वार, जौ का एक शुद्ध रूप है. भारत में गेहूं की खेती सबसे अधिक पूर्वी राज्यों व पंजाब में की जाती है. पूरे विश्व में मक्का के बाद गेहूं दूसरी सबसे अधिक उगाई जानेवाली फसल है.
गेहूं को पीसकर आटे के रूप में तैयार किया जाता है, जिससे रोटियां, ब्रेड, कुकीज़, केक, दलिया, पास्ता, सेवइयां, नूडल्स और अन्य तरह के खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं. हालांकि अगर आपको गेहूं के पोषक तत्वों का पूरा फ़ायदा उठाना है, तो इसे साबुत ही पकाकर अपने प्लेट में परोसें.
गेहूं के फ़ायदे
अधिकतर साबुत अनाजों की तरह गेहूं भी कॉम्प्लेक्स कार्ब्स और फ़ाइबर का मुख्य स्रोत है. पोषक तत्वों से भरा यह खाद्य पदार्थ लंबे समय तक पेट भरा रखता है, ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखता है, मेटाबॉलिज़्म बढ़ाने और वज़न कम करने में मदद करता है. इसके अलावा पाचनतंत्र को स्वस्थ्य बनाए रखने में भी मदद करता है. इसमें प्रोटीन की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो मांसपेशियों और कोशिकाओं के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है. गेहूं आयरन का भी एक मुख्य स्रोत है इसलिए हीमोग्लोबिन के लेवल को संतुलित बनाए रखने के लिए रोज़ाना इसे अपने खानपान में शामिल कर सकते हैं. गेहूं को फ़र्मेंट करके बियर, वोदका और शराब की अन्य किस्में भी तैयार की जाती हैं.
कैसे करे गेहूं का इस्तेमाल
अगर आप गेहूं में मौजूद सभी पोषक तत्वों का फ़ायदा उठाना चाहते हैं, तो उसे साबुत ही पकाएं या उबालें. साबुत गेहूं या उसके दलिया को उबलते पानी में डालें और फिर उसे सब्ज़ियों के साथ हल्का पकाकर खाएं. आप इसका इस्तेमाल आप स्प्राउट्स, कीन्वा, राइस या बाजरा की जगह अपने मेन कोर्स के रूप कर सकते हैं. इसका इस्तेमाल पुलाव बनाने में, ठंडे सलाद के ऊपर गार्निश करने में, नाश्ते के रूप में या करी में डालकर किया जा सकता है.
इस बात पर भी ध्यान रखें
गेहूं कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होता है, लेकिन यह ग्लूटन फ्री नहीं होता है. अगर आपको ग्लूटन से एलर्जी है, तो आप इसे अपनी डायट में शामिल ना करें. किसी व्यक्ति को ग्लूटन से एलर्जी होती है, तो उसे पेट संबंधित कई बीमारियां घेर लेती हैं, जिसका असर उसकी इम्यूनिटी पर भी पड़ता है.
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