बॉडी को शेप में लाने के साथ उसे अंदर और बाहर से मजबूत भी बनाता है वीरभद्रासन, जानें करने का सही तरीका

Update: 2022-05-04 16:46 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Virabhadrasana Benefits: वीरभद्रासन एक ऐसा आसन है जिससे एक साथ पूरे शरीर की स्ट्रेचिंग हो जाती है। ये आसन शरीर में किसी प्रकार के दर्द से तो राहत दिलाता ही है साथ ही इसे करने से बॉडी मजबूत भी बनती है और सबसे अच्छी बात की शेप में रहती है। तो आइए जानते हैं वीरभद्रासन के 3 प्रकार के बारे में, उसे करने का तरीका और सावधानियों के बारे में।

वीरभद्रासन 1

- ताड़ासन मुद्रा में खड़े हो जाएं।

- दोनों पैरों के बीच 3 से 4 फीट की दूरी बना लें।

- दोनों हाथों को ऊपर की तरफ सीधा करें।

- दाहिने पैर को सामने की तरफ निकालें और बाएं पैर को अंदर की तरफ करें।

- अब सिर और धड़ को दाहिने तरफ मोड़ें।

- दाएं पैर को मोड़ें जब तक कि दूसरे पैर और जांघ के बीच सीधा 90 डिग्री का कोण न बन जाए।

- इस दौरान बाएं पैर को सीधा ही रखना है।

- दोनों हाथों को ऊपर की तरफ खींचें और नजरें सामने की ओर। चाहें तो सिर को हल्का पीछे भी झुका सकते हैं।

- इस स्थिति में अपनी क्षमतानुसार बने रहें। फिर सांस छोड़ते हुए नॉर्मल हो जाएं।

- यही प्रक्रिया बाईं ओर से भी दोहराएं।

वीरभद्रासन 2

- इस आसन की शुरुआत भी ताड़ासन से ही करनी है। तो सबसे पहले पैरों के बीच 3 से 4 फीट का गैप करें।

- हाथों को सामने की ओर कंधों की सीध में फैलाएं।

- बाएं पैर को अंदर घुमाएं और दाएं पैर को पूरी तरह से बाहर की ओर करें।

- दाएं पैर को घुटने तक मोड़ें जब तक कि दूसरे पैर और जांघ के बीच सीधा 90 डिग्री का कोण न बन जाए।

- इस पोजिशन में 15 से 20 सेकेंड तक नॉर्मल सांस लेते हुए खड़े रहें। सांस छोड़ें और वापस आ जाएं।

- बाईं ओर से इसी प्रक्रिया को दोहराएं।

वीरभद्रासन 3

- ताड़ासन में खड़े होकर पैरों को सीधे रखते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को झुकाएं।

- दोनों हाथों को फर्श पर रखते हुए बाएं पैर को उठाएं। जब बैलेंस बन जाए तो दोनों हाथों को ऊपर सिर के सीध में करते हुए जोड़ लें।

- इस स्थिति में दोनों हाथ, धड़ और पैर एक सीधी रेखा में होंगे।

- दाएं पैर पर संतुलन बनाएं और यथाशक्ति इस मुद्रा में रहें।

- धीरे-धीरे पैर को नीचे करते हुए प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं।

- यही प्रक्रिया दूसरे पैर से भी दोहराएं।

फायदे

ये तीनों आसन मांसपेशियों को मजूबत बनाते हैं खासतौर से पीठ की। इसके अलावा पैर, हाथ, और कोर मसल्स भी इससे स्ट्रॉन्ग होती है। घुटनों से जुड़ी समस्याएं दूर रहती हैं। और तो और जांघों, पिंडली और एड़ियों के लिए भी यह बहुत ही फायदेमंद आसन है।

सावधानियां

हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट प्रॉब्लम, कंधे व गर्दन में दर्द से परेशान लोग इस आसन को करना अवॉयड करें।  

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