परिवार में सुख और शांति बनी रहे, इसके लिए महाभारत में द्रौपदी ने भगवान कृष्ण की पत्नी सत्यभामा को खास तरीके बताए थे। द्रौपदी ने सत्यभामा को बताया था कि किस प्रकार कोई स्त्री अपने पति को हमेशा प्रसन्न रख सकती है। यहां जानिए द्रौपदी के अनुसार विवाहित स्त्रियों को कौन-कौन से काम नहीं करने चाहिए…
1. द्रोपदी कहती है कि पति को वश में करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। कुछ स्त्रियां पति को वश में करने के लिए तंत्र-मंत्र, औषधि आदि का उपयोग करती है, जो कि नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर यदि पति को ये बातें मालूम हो जाती है तो रिश्ता बिगड़ सकता है।
2. जो समझदार स्त्री होती है, वह अपने परिवार के सभी रिश्तों की पूरी जानकारी रखती है, क्योंकि एक भी रिश्ता भूल गए तो वह रिश्ता पारिवारिक सम्बन्ध बिगाड़ सकता है।
3. सुखी वैवाहिक जीवन के लिए स्त्री को बुरे चरित्र वाली स्त्रियों से दूर ही रहना चाहिए। गलत आचरण वाली स्त्रियों से मित्रता या मेल-जोल होने पर जीवन में परेशानियां बढ़ जाती है।
4. स्त्री को कभी भी ऐसी कोई बात नहीं कहनी चाहिए, जिससे किसी का अपमान होता है। द्रोपदी कहती है कि मैं पांडव परिवार के सभी सदस्यों का पूरा सम्मान करती हूँ।
5. किसी भी काम के लिए आलस नहीं करना चाहिए। जो भी काम हो, उसे बिना समय गवाए पूरा कर लेना चाहिए। ऐसा करने पर पति और पत्नी के बीच प्रेम बना रहता है।
6. द्रोपदी सत्यभामा से कहती है कि स्त्री को बार-बार दरवाज़े पर या खिड़की पर खड़े नहीं रहना चाहिए। ऐसा करने वाली स्त्रियों की छबि समाज में खराब होती है।
7. स्त्री को क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए। क्रोध के कारण बड़ी-बड़ी परेशानियां उत्पन्न हो जाती है। इसलिए क्रोध पर काबू रखें। साथ ही पराए लोगों से व्यर्थ बात नहीं करनी चाहिए।