इरेक्टाइल डिसफंक्शन का आ गया नया इलाज, ब्रीटेन के डॉक्टरों ने बनाया

ब्रीटेन के डॉक्टरों ने बनाया

Update: 2021-11-15 12:48 GMT
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile Dysfunction) को आम बोलचाल की भाषा में नपुंसकता भी कहते हैं. ये उन पुरुषों के लिए इस्तेमाल होने वाला टर्म है जिन्हें फिजिकल रिलेशन के दौरान या तो इरेक्शन बिलकुल नहीं होता या फिर अगर होता भी है तो वे इरेक्शन को बरकरार नहीं रख पाते. आमतौर पर यह समस्या 40 साल से अधिक उम्र के पुरुषों में ज्यादा देखी जाती है लेकिन बीते कुछ वर्षों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या किसी भी उम्र के पुरुष में देखी जा रही है. इस समस्या के निदान के लिए ब्रिटेन के डॉक्टरों द्वारा ईजाद नया तरीका बेहद कारगर होने का दावा किया जा रहा है.
'मैजिक वैंड' के जरिए शॉकवेव्स थेरेपी
ब्रिटेन के मेल हेल्थ क्लिनिक किंग्स्टन ने इरेक्टाइल डिसफंक्शन से निजात दिलाने वाला 'मैजिक वैंड' विकसित करने का दावा किया है. क्लिनिक के डॉक्टों का दावा है कि ये खास किस्म का 'मैजिक वैंड' इरेक्टाइल डिसफंक्शन के खिलाफ लड़ाई में सैकड़ों ब्रिटिश पुरुषों की मदद कर रहा है. 'मैजिक वैंड' शॉकवेव्स थेरेपी के जरिए इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज करता है. किंग्स्टन क्लिनिक के डॉक्टर पीटर होली के मुताबिक मैजिक वैंड के जरिए ब्लड सर्कुलेशन ठीक किया जाता है. इसके बाद टिश्यू की मरम्मत की जाती है, जिससे नपुंसकता दूर होती है. इसकी खासियत ये है कि शॉकवेव थेरेपी केवल 15 मिनट में बिना एनेस्थीसिया के दी जा सकती है.
इन समस्याओं में भी राहत
डॉ पीटर होली ने कहा, हाल के वर्षों में यह तकनीक रोगियों के लिए बेहद प्रभावी साबित हुई है. Daily Star की रिपोर्ट के मुताबिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन के अलावा शॉकवेव थेरेपी द्वारा पुराने पेल्विक दर्द, पुराने प्रोस्टेटाइटिस और पेनाइल पेन का भी इलाज किया जा सकता है. दावा किया जा रहा है कि शॉकवेव थेरेपी इलाज की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें ध्वनिक तरंगों (Acoustic Waves) का उयोग किया जाता है. यहां तक कि कैंसर के इलाज के साइड इफेक्ट से पीड़ित पुरुषों को भी इससे लाभ मिल रहा है.
इस समस्या की वजह?
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या नपुसंकता एक सामान्य समस्या है जिसके पीछे लाइफस्टाइल से जुड़ी कई वजहें शामिल हैं. जैसे- काम का बहुत ज्यादा स्ट्रेस, थकान, बेचैनी, किसी बात की चिंता, बहुत ज्यादा शराब का सेवन, परफॉर्मेंस प्रेशर आदि. इस तरह के मामलों में नपुंसकता कुछ समय के लिए होती है और जैसे ही आप अपनी लाइफस्टाइल में सुधार करते हैं यह समस्या भी ठीक हो जाती है. इसे शॉर्ट टर्म नपुंसकता भी कहते हैं, जिसके लिए डॉक्टर से इलाज की जरूरत से ज्यादा अपनी जीवनशैली में बदलाव की जरूरत होती है.
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