इस स्टॉल पर मिलते हैं 5 तरह के मंचूरियन, 20 सालों से बरकरार है लाजवाब स्वाद

Update: 2023-07-30 14:25 GMT
लाइफस्टाइल: .बक्सर शहर के मेन रोड स्थित सेंट्रल पब्लिक स्कूल के पास प्रेम बावर्ची फ़ास्ट फूड नाम से एक स्टॉल लगता है. यहां प्रतिदिन शाम को फास्ट फूड के शौकीनों की भीड़ जमा होती है. यहां का मंचूरियन साइज में बड़ा और स्वाद में लजीज होने के चलते शहर में फेमस है. प्रेम बावर्ची फूड स्टॉल पर आपको पांच किस्म का मंचूरियन मिलेगा जो स्वाद के मामले में सबसे अलग है.
ठेले पर स्वादिष्ट मंचूरियन बनाकर अच्छे-अच्छे रेस्टोरेंट को पीछे छोड़ पूरे शहर में मशहूर हो चुके दुकानदार प्रेम प्रसाद बताते है कि स्टॉल शुरू किए हुए 20 साल पूरा हो चुका है. उन्होंने बताया कि पहली बार साल 2003 में स्टॉल लगा कर फास्ट फूड बेचना शुरू किया था. धीरे-धीरे ग्राहकों का विश्वास बढ़ता गया तो बिक्री भी बढ़ गई.
120 रुपये प्लेट और 15 रुपए पीस बेचते हैंमंचूरियन
प्रेम प्रसाद ने बताया कि दो दशक बाद भी मंचूरियन के स्वाद में कोई अंतर नहीं आया है. शायद यही वजह है कि मंचूरियन खाने वाले ग्राहकों की पहली पसंद प्रेम बावर्ची फास्ट फूड बन गया है. उन्होंने बताया कि कुल पांच प्रकार के मंचूरियन बनाया जाता है. जिसमें वेज मंचूरियन, ड्राई मंचूरियन, पनीर मंचूरियन, चिकन मंचूरियन, चिल्ली मंचूरियन शामिल है. उन्होंने बताया कि अन्य दुकानों पर मंचूरियन 60 रुपये प्रति प्लेट बिकता है, लेकिन यहां एक प्लेट का रेट 120 रुपये है. उन्होंने बताया कि अन्य जगहों की तुलना में महंगा होने के बावजूद मंचूरियन खाने वाले ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है. एक प्लेट में कुल आठ पीस मंचूरियन देते हैं. हालांकि, जो लोग 120 रुपये प्रति प्लेट के हिसाब से पैसा देने में सक्षम नहीं होते और उन्हें मंचूरियन खानी होती है तो 15 रुपये प्रति पीस के हिसाब से भी मंचूरियन की बिक्री की जाती है. यानी एक पीस भी कोई व्यक्ति मंचूरियन खाना चाहता है तो उसे 15 रुपये में मिल जाता है.
ऐसे तैयार करते हैं मंचूरियन
प्रेम प्रसाद ने बताया कि वेज मंचूरियन को बनाने में पत्ता गोभी, लाल मिर्च पावडर, काली मिर्च पाउडर, कॉर्न फ्लोर, गाजर, मैदा, तेल, नमक, अदरक-लहसुन की आवश्यकता होती है. वहीं इसके ग्रेवी बनाने में शिमला मिर्च, प्याज़, हरी मिर्च, सोया सॉस, चिली सॉस, विगेनर, नमक और तेल की जरूरत होती है. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन लगभग 200 पीस मंचूरियन की बिक्री हो जाती है जबकि लग्न के सीजन में बिक्री दोगुनी हो जाती है. प्रेम प्रसाद ने बताया कि चाहे बिक्री कम हो या अधिक, वे कभी भी आइटम की गुणवत्ता में समझौता नहीं किया
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