दुनिया की 10 सबसे खूबसूरत मस्जिदें, देश-विदेश से आते हैं इस्लाम धर्म के लोग

इस्लाम धर्म के लोग

Update: 2023-09-08 08:50 GMT
जिस तरह हिन्दू धर्म में पूजा-अर्चना करने के लिए मंदिर जाया जाता हैं, उसी तरह मुस्लिम समुदाय के लिए इबादतगाह के लिए मस्जिदों का इस्तेमाल करते हैं। रमजान का महीना हो या ईद या फिर जुम्मे की नमाज, मस्जिदों में जिस तरह की रौनक होती है वो देखते ही बनती है। ईद के दिन नए-नए कपड़े पहनकर लोग अल्लाह की इबादत करने अपनी नजदीकी मस्जिदों में पहुचंते हैं। लेकिन इसी के साथ ही कई लोग ऐसी मस्जिदों में भी जाना पसंद करते हैं जो दुनियाभर में प्रसिद्द हो। ऐसे में आज हम आप लोगों को दुनिया की कुछ खूबसूरत मस्जिदों के बारे में बताने जा रहे हैं जो स्थापत्य और कला की दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...
शेख लोत्फोल्ला मस्जिद, ईरान
ईरान के इस्पाहन शहर में मौजूद ये मस्जिद बेहद खूबसूरत है और इसकी नीली नक्काशी इसे बाकी मस्जिदों से अलग बनाती है। 1602 से लेकर 1619 के दौरान इसे बनाया गया था। ये काफी विशाल मस्जिद है जिसमें ईरानी आर्किटेक्चर का नायाब नमूना दिखता है। पहले इसे प्राइवेट घर या कोर्ट के रूप में बनाया जाता था और इसलिए इसमें कोई मीनार नहीं है और थोड़ा छोटा है, लेकिन बाद में इसे मस्जिद बना दिया गया। यहां टाइल्स से सजी नक्काशी के साथ अलग-अलग एरिया बने हुए हैं। इसे पब्लिक के लिए भी खोला गया है।
शेख सैय्यद ग्रैंड मस्जिद, संयुक्त अरब अमीरात
संयुक्त अरब अमीरात के अबुधाबी में यह मस्जिद स्थित है। दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी शेख सैय्यद ग्रैंड मस्जिद बेहद खूबसूरत है। इसके अंदर दुनिया का सबसे बड़ा हाथ से बुना कालीन रखा गया है, जिसे 12000 कलाकारों ने बनाया है। 82 गुम्बदों और 1000 खंभों पर यह मस्जिद खड़ी है। साल 1996 में इस मस्जिद का निर्माण शुरू हुआ था और 12 साल में यह बनकर तैयार हुई थी। इस मस्जिद को बनाने में तीन हजार करोड़ रुपये के खर्च हुए हैं। इसको बनाने में संगमरमर, सोना, कीमती पत्थरों, क्रिस्टल और चीनी मिट्टी की चीजों का इस्तेमाल किया गया है।
क्रिस्टल मस्जिद, मलेशिया
इस मस्जिद का इतिहास बहुत पुराना नहीं है लेकिन बेहद कम समय में ही इसने दुनिया भर के इस्लामिक आस्थावान लोगों में जगह बनाई है। इस मस्जिद का निर्माण 2006 से 2008 के बीच हुआ था। ये मलेशिया के कुआला टेरेंगानु शहर में स्थित है। इसके निर्माण में कांच, स्टील और क्रिस्टल का विशेष तौर पर इस्तेमाल किया गया है। इस मस्जिद में एक बार में 1500 लोग नमाज पढ़ सकते हैं।
अल हरम मस्जिद, सऊदी अरब
सऊदी अरब के मक्का शहर में मौजूद ये पवित्र मस्जिद पूरी दुनिया के मुसलमानों की आस्था का केंद्र है। ये इस्लाम धर्म के बहुत ही पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। ये ना सिर्फ दुनिया का सबसे बड़ा मस्जिद है बल्कि यहां नमाज पढ़े बिना हज यात्रा को पूरा भी नहीं माना जाता है। हज के दौरान 4 लाख से भी ज्यादा लोग यहां रहते हैं।
अक्सुनकुर मस्जिद, इजिप्ट
अक्सुनकुर मस्जिद इजिप्ट की राजधानी काहिरा में स्थित है। इस निर्माण 14वीं शताब्दी में तुर्क शैली में किया गया है। अक्सुनकुर मस्जिद में इसके संस्थापक शम्स अल-दीन अक्सुनकुर और उनके बेटों के मकबरे हैं। इस खूबसूरत इमारत में सरू के पेड़ों के आकार में विशिष्ट इजनिक टाइलें लगी हैं। मस्जिद में बहुत सारे पत्थरों को एक साथ जोड़कर नक्काशी भी की गई है। यह काहिरा के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है।
तुर्की के इस्तांबुल में मौजूद सुल्तान अहमद मस्जिद दुनिया भर के सैलानियों के आकर्षण का केंद्र है। इसे ब्लू मॉस्क यानी नीली मस्जिद के रूप में भी जाना जाता है। इसका कारण है इस मस्जिद में इस्तेमाल हुई नीली टाइल्स। इस मस्जिद के अलावा भी दुनिया में दूसरी मस्जिदें हैं जिन्हें नीले टाइल्स के इस्तेमाल की वजह से नीली मस्जिद के नाम से जाना जाता है। ये मस्जिद 1609 से लेकर 1619 के बीच बनाई गई है। इसे वहां के राजा अहमद प्रथम ने बनवाया था और उन्हीं के नाम से इसे पहचाना भी जाता है। इस मस्जिद को ओल्ड बाइजेंटाइन क्रिस्चियन स्टाइल और पारंपरिक अरब स्टाइल के मिश्रण से बनाया गया है। इन दोनों कला परंपराओं के संगम से बनी ये मस्जिद बेहद भव्य है।
नसीर ओल मोल्क, ईरान
इसे पिंक मॉस्क या गुलाबी मस्जिद भी कहते हैं। ये ईरान की सबसे खूबसूरत मस्जिदों में से एक है। सिर्फ बाहरी खूबसूरती नहीं बल्कि अंदरूनी खूबसूरती भी इस मस्जिद की बेहिसाब है। इसे फारसी नक्काशी से सजाया गया है। इसके अंदर रंग बिरंगा ग्लास लगा हुआ है जिससे पूरे मस्जिद में रौशनी कई रंगों में होकर आती है। ये मस्जिद कला का एक नायाब नमूना दिखता है।
समर्रा मस्जिद, इराक
यह मस्जिद शायद दुनिया की सबसे दिलचस्प स्थापत्य कला का नमूना है। ये मस्जिद करीब 1200 साल पुरानी है। जानकारी के मुताबिक इसका निर्माण 848 ईस्वी के आस-पास हुआ था। इसे खलीफा अल-मुतवक्किल ने बनवाया था। ये मस्जिद यूनेस्को की वैश्विक धरोहरों में साल 2007 में शामिल की गई थी। एक समय में ये दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद मानी जाती थी। इसकी मीनार करीब 171 फीट ऊंची है।
अल अक्सा मस्जिद, जेरुसलम
इसे इस्लाम की तीसरी सबसे अहम मस्जिद माना जाता है। पवित्र शहर जेरुसलम में इस एक जगह को यहूदी, ईसाई और इस्लाम तीनों का पवित्र स्थान माना जाता है। इसका कहानी बेहद रोचक है और इसका इतिहास पहली सदी से चला आ रहा है। इस मस्जिद की खासियत इसका पौराणिक महत्व भी है।
सैंट पीट्स मस्जिद, रूस
रूस की सैंट पीट्स मस्जिद 1913 में बनी थी। ये यूरोपीय देशों की सबसे बड़ी मस्जिद के रूप में विख्यात है। इस मस्जिद की मीनारें 49 मीटर ऊंची हैं और गुंबद 39 मीटर ऊंचा है। कहा जाता है कि इसमें एक बार में 5000 लोग नमाज अदा कर सकते हैं। आर्किटेक्ट निकोलाई वासिलयेय ने इस मस्जिद को समरकंद में मौजूद मुहम्मद गोरी के मकबरे की तर्ज पर डिजाइन किया था। इसमें महिलाओं और पुरुषों के लिए नमाज पढ़ने की अलग-अलग जगहें बनी हुई हैं। पुरुष ग्राउंड फ्लोर पर नमाज पढ़ते हैं और महिलाएं फर्स्ट फ्लोर पर। हालांकि 1940 से 1956 तक रूस के प्रशासन ने इस मस्जिद में नमाज पर रोक लगा दी गई थी। तब रूसी प्रशासन द्वारा मस्जिद को स्वास्थ्य सेवाओं से जड़ी वस्तुएं रखने के लिए स्टोर हाउस के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। बाद में इंडोनेशियाई प्रधानमंत्री सुकर्णो की रिक्वेस्ट के बाद इसे खोला गया।
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