इंसान अपनी सेहत को दुरुस्त रखने के लिए सुबह-शाम पैदल चलता हैं। बचपन से ही हमें सुनने को मिलता आया है कि पैदल चलना शरीर के लिए जबरदस्त फायदेमंद होता है। कई लोग मॉर्निंग या इवनिंग वॉक पर निकल जाते हैं। आजकल साइलेंट वॉकिंग भी ट्रेंड में हैं। सोशल मीडिया पर इसकी खूब चर्चा हो रही है। यह खुद को फिट रखने और बीमारियों से दूर रहने के लिए अच्छा बताया जाया रहा है।
साइलेंट वॉकिंग का मतलब क्या है?
साइलेंट वॉकिंग का मतलब होता है कि वॉक करते समय किसी भी तरह के आर्टिफिशियल आवाज से दूर रहना चाहिए। टिक टॉक इंफ्लुएंसर मेडी माओ ने आधे घंटे का वॉकिंग का एक वीडियो शेयर किया हैं। यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ और ट्रेंड भी कर रहा हैं। साइलेंट वॉकिंग में 30 मिनट तक सामान्य तौर पर पैदल चलना होता है। इसमें अकेले चलना पड़ता हैं। इस दौरान किसी भी तरह की चहल पहल यानी ध्यान भटकाने वाली जगह से दूर जाकर शांत जगह वॉक करना होता है। इस दौरान इंसान को बिल्कुल शांत रहना पड़ता हैं।
साइलेंट वॉकिंग के फायदे
द नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, कि मेंटल हेल्थ के लिए साइलेंट वॉकिंग बेहद फायदेमंद होती है। प्रकृति में शांत होकर सिर्फ कुछ मिनट चलने से ही स्ट्रेस कम हो सकता हैं। रोजाना इसे करने से मानसिक बीमारियों को बढ़ाने वाली न्यूरल प्रक्रिया में सुधार आता है। इससे स्ट्रेस और मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं।
शोध के अनुसार, साइलेंट वॉकिंग से आप खुद को खुश रखते हैं। ट्रिपल बोर्ड सर्टिफाइड साइकैट्रिस्ट डॉ. राफात डब्लू गिरजिस का कहना है कि साइलेंट वॉकिंग बिल्कुल मेडिटेशन की तरह है। दरअसल, बाहर की आवाजें जब दिमाग में जाती हैं। तो स्ट्रेस बढ़ता है। ऐसे में साइलेंट वॉकिंग से स्ट्रेस दूर होता है और मन प्रसन्न होता है।