एकता का महाकुंभ

Update: 2025-01-02 10:49 GMT
Vijay Garg: प्रयागराज में होने जा रहा महाकुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा सार्वजनिक समागम है। आध्यात्मिक जुड़ाव के साथ ही आस्था की अभिव्यक्ति का यह सामूहिक आयोजन वैश्विक स्तर पर भी चर्चित है। इस वर्ष महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा। अत्याधुनिक डिजिटल सुविधाओं के साथ आध्यात्मिक दिव्यता और भारत की सांस्कृतिक भव्यता की सुंदर झांकी के रूप में यह विशाल मेला सांस्कृतिक विरासत को एक सूत्र में बांधे रखने का उद्देश्य लिए है।
बीत दिनों मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ को देश की एकता के भाव से जोड़कर अपनी बात कही। पीएम ने कहा कि 'इस आयोजन में करोड़ों लोग एक साथ एकत्रित होते हैं। लाखों संत हजारों परंपराएं, सैकड़ों संप्रदाय, अनेक अखाड़े, हर कोई आयोजन का हिस्सा बनता है। कहीं भेदभाव नहीं दिखता, कोई बड़ा छोटा नहीं होता। अनेकता में एकता का ऐसा दृश्य विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलेगा। हमारा कुंभ एकता का महाकुंभ भी होता है। मैं आप सबसे कहूंगा जब हम कुंभ में शामिल हों तो एकता के इस संकल्प को अपने साथ लेकर वापस आएं। समाज में विभाजन और विद्वेष के भाव को नष्ट करने का संकल्प लें। प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार 'कम शब्दों में कहूं तो महाकुंभ का संदेश, एक हो पूरा देश और अगर दूसरे तरीके से कहना है तो मैं कहूंगा, गंगा की
अविरल धारा, न बंटे समाज हमारा।'
वस्तुतः आध्यात्मिक भाव संग एकता का यह संदेश हर नागरिक के लिए विचारणीय है। हमारे देश की विविधता का सम्मान करने की सीख लिए है। प्रकृति से मनुष्य को जोड़ता यह पावन समागम भी हर ऊंच-नीच से दूर जुड़ाव और आपसी सामंजस्य के भाव को ही पोसता है। श्रद्धालुओं की भीड़ में संत समाज ही आमजन और विदेशी मेहमान तक शामिल होते हैं। दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले की मान्यता पाने वाले इस आयोजन से जुड़ी तैयारियां तक लोगों को चकित करती हैं। इस बार भी तकनीक की मदद से डिजिटल महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सहजता और सुरक्षा के लिए की गई तैयारियां रेखांकित करने योग्य हैं। ग्यारह भारतीय भाषाओं में मेले से जुड़ी हर तरह की सूचना उपलब्ध होगी। एआइ चैटबोट, डिजिटल नेविगेशन और एआइ पावर्ड कैमरों से इस अद्वितीय आयोजन में सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। भीड़ के प्रबंधन से लेकर सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद करने तक श्रद्धालुओं का यह जमावड़ा सचमुच संसार का अनोखा आयोजन है। यूनेस्को द्वारा मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में भी महाकुंभ मेले को स्थान दिया गया है। समझना कठिन नहीं कि दुनिया के हर कोने तक भारत की सांस्कृतिक विविधता के रंग पहुंचाने वाला महाकुंभ मेला एकता और सद्भाव का सार्थक अनुष्ठान ही है।
विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्रिंसिपल शैक्षिक स्तंभकार स्ट्रीट कौर चंद एमएचआर मलोट पंजाब
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