क्रिप्टोकरेंसी का आया जमाना
मंगलवार को एल सल्वाडोर ऐसा पहला देश बन गया, जिसने सरकारी तौर पर क्रिप्टोकरेंसी की खरीदारी की
By NI एडिटोरियल.
एल सल्वाडोर के इस फैसले पर कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने शक जताया था। देश के अंदर कई हलकों से इसका जोरदार विरोध हुआ। लेकिन एल सल्वाडोर की सरकार अपने फैसले पर अड़ी रही। उसके इस कदम से कहा जा रहा है कि बिटकॉइन की विश्व वित्तीय व्यवस्था में स्थिति पूरी तरह बदल जाएगी। (cryptocurrency el salvador bitcoin)
मंगलवार को एल सल्वाडोर ऐसा पहला देश बन गया, जिसने सरकारी तौर पर क्रिप्टोकरेंसी की खरीदारी की। 64 लाख आबादी वाले इस लैटिन देश में अब क्रिप्टोकरेंसी का लीगल टेंडर के रूप में चलन शुरू हो है। एल सल्वाडोर के इस फैसले पर आईएमएफ सहित कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने शक जताया था। देश के अंदर भी कई हलकों से इसका जोरदार विरोध हुआ। यहां तक कि सड़कों पर जन प्रदर्शन भी हुए। लेकिन एल सल्वाडोर की सरकार अपने फैसले पर अड़ी रही। उसके इस कदम से कहा जा रहा है कि बिटकॉइन की विश्व वित्तीय व्यवस्था में स्थिति बदल जाएगी। उससे डिजिटल करेंसियों के बारे में बहस और तेज होगी। बहरहाल, अब ये बात तो लगभग हर दायरे में स्वीकार की जाने लगी है कि डिजिटल करेंसी का जमाना आ गया है। उससे बचा नहीं जा सकता।
प्रश्न सिर्फ इतना है कि उसके विभिन्न देशों के रिजर्व बैंक अपनी देखरेख में लॉन्च करें या फिर अभी जैसाकि बिटकॉइन और दूसरे सिक्कों के साथ है, इसका एक अराजक बाजार चलने दिया जाए। एक ताजा अध्ययन से ये सामने आया है कि क्रिप्टोकरेंसी के ज्यादातर ग्राहक अब विकासशील देशों में हैं। एशिया से अफ्रीका और लैटिन अमेरिका तक में बिटकॉइन समेत तमाम क्रिप्टोकरेंसी का अब ज्यादा कारोबार हो रहा है। इस विश्लेषण के मुताबिक धनी देशों में क्रिप्टोकरेंसी को आज भी मोटे तौर पर शक की निगाह से देखा जाता है। अमेरिका और यूरोप में विनियामक संस्थाएं क्रिप्टो कारोबार से जुड़े खतरों के बारे में चेतावनी जारी कर चुकी हैँ। लेकिन विकासशील देशों में कहानी उलटी है। खास कर क्रिप्टोकरेंसी को लोकप्रियता उन देशों में देखने को मिली है, जो वित्तीय अस्थिरता के शिकार रहे हैं या जहां के लोगों के लिए अंतरराष्ट्रीय ट्रांजैक्शन करना मुश्किल बना हुआ है। इस अध्ययन के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल के लिहाज से टॉप 20 देशों की सूची में वियतनाम को सबसे ऊपर है। इस सूची में सिर्फ एक विकसित देश का नाम है और वह है अमेरिका। सब-सहारा अफ्रीका में हाल में सबसे ज्यादा क्रिप्टो गतिविधि देखी गई है। इस मामले में इस इलाके ने उत्तरी अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है। इस रूझान के मद्देनजर ये कहा जा रहा है कि एल सल्वाडोर में क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता देने के अनुभव पर दुनिया भर की नजरें टिकी हैँ।