पोस्ट ऑफिस की स्कीम में निवेश करने पर टैक्स छूट का मिलेगा फायदा
पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स में नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट या NSC भी शामिल है. आइए इस स्कीम के बारे में डिटेल में जानते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अगर आप आने वाले दिनों में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पोस्ट ऑफिस की सेविंग्स स्कीम्स में कर सकते हैं. इन स्कीम्स में आपको अच्छा रिटर्न तो मिलता ही है. साथ में, इसमें निवेश किया गया पैसा भी पूरी तरह सुरक्षित रहता है. अगर बैंक डिफॉल्ट होता है, तो आपको पांच लाख रुपये की ही राशि वापस मिलती है. लेकिन डाकघर में ऐसा नहीं है. इसके अलावा पोस्ट ऑफिस की सेविंग्स स्कीम्स में बेहद कम राशि से निवेश शुरू किया जा सकता है.
पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स में नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट या NSC भी शामिल है. आइए इस स्कीम के बारे में डिटेल में जानते हैं.
ब्याज दर
पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में मौजूदा समय में 6.8 फीसदी की ब्याज दर मौजूद है. इस स्कीम में ब्याज को सालाना आधार पर कंपाउंड किया जाता है, लेकिन भुगतान मैच्योरिटी पर किया जाता है. इस योजना में 1,000 रुपये पांच साल की अवधि के बाद बढ़कर 1389.49 रुपये हो जाते हैं.
निवेश की राशि
पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट स्कीम में न्यूनतम 1000 रुपये का निवेश किया जा सकता है. इस स्कीम में 100 रुपये के मल्टीपल में निवेश करना होगा. निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है.
कौन खोल सकता है अकाउंट?
डाकघर की इस योजना में एक वयस्क, तीन व्यस्क तक साथ मिलकर ज्वॉइंट अकाउंट खोल सकते हैं. इसके अलावा इस स्मॉल सेविंग स्कीम में नाबालिग की ओर से एक अभिभावक या कमजोर दिमाग के व्यक्ति की ओर से अभिभावक खाता खोल सकता है. इस स्कीम में 10 साल से ज्यादा उम्र का कोई भी नाबालिग अपने खुद के नाम में अकाउंट खोल सकता है.
मैच्योरिटी
पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में जमा की तारीख से पांच साल पूरे होने पर राशि मैच्योर होगी.
टैक्स छूट
पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) में जमा की राशि पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत डिडक्शन के लिए क्लेम किया जा सकता है. इनकम टैक्स एक्ट के इस सेक्शन के तहत 1.5 लाख रुपये तक की राशि पर टैक्स छूट का फायदा लिया जा सकता है.
अन्य फीचर्स
NSC को कुछ स्थितियों में मैच्योरिटी से पहले बंद किया जा सकता है. सिंगल अकाउंट में खाताधारक की मौत पर या ज्वॉइंट अकाउंट में सभी खाताधारकों की मौत की स्थिति में, खाता बंद कराया जा सकता है. इसके साथ अदालत के आदेश पर भी मैच्योरिटी से पहले अकाउंट बंद हो सकता है.
पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में खाताधारक की मौत पर ज्वॉइंट होल्डर को अकाउंट ट्रांसफर किया जा सकता है. इसके अलावा अदालत के आदेश पर भी अकाउंट को ट्रांसफर किया जा सकता है.