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Yoga Tips: थायराइड से पूरी तरह छुटकारा पाना है तो इन योगासनों का नियमित अभ्यास करें

Sarita
6 July 2025 9:04 AM GMT
Yoga Tips: थायराइड से पूरी तरह छुटकारा पाना है तो इन योगासनों का नियमित अभ्यास करें
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Yoga Tips: थायराइड गले में पाई जाने वाली तितली की आकार की एक ग्रंथि होती है जो कि हार्मोन का उत्पादन करती है। यह हार्मोन हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म, ऊर्जा स्तर और संपूर्ण विकास को नियंत्रित करता है। जब थायराइड ग्रंथि हमारे शरीर के लिए पर्याप्त हार्मोन पैदा नहीं कर पाती तो इसे हाइपो-थायराइडिज्म कहते हैं। वहीं जब हाइपर-थायराइडिज्म में थायराइड ग्रंथि हार्मोन का उत्पादन अधिक करने लगती है।
थायराइड के लक्षण:
थायराइड की शिकायत होने पर वजन बढ़ना या घटता है। थकान और सुस्ती महसूस होती है। त्वचा और बालों में रूखापन,अवसाद और चिड़चिड़ापन, ठंड अधिक लगना, याददाश्त कमजोर होना,अधिक पसीना आना, घबराहट और बेचैनी, हृदय गति तेज होना, अनिद्रा और मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होती है। योग के नियमित अभ्यास से थायराइड को नियंत्रित किया जा सकता है। यहां थायराइड से आराम पाने के लिए कुछ योगासनों के विकल्प दिए जा रहे हैं।
सर्वांगासन:
यह थायराइड ग्रंथि को सक्रिय करता है और हार्मोन बैलेंस करता है। इस आसन के अभ्यास के लिए पीठ के बल लेटकर पैरों को ऊपर उठाएं और कमर को हाथों से सहारा दें। इस आसन के अभ्यास से आंखों की मांसपेशियों को आराम मिलता है और तनाव कम होता है। साथ ही आंखों के कार्यात्मक विकार ठीक होते हैं और दृष्टि बढ़ती है।
हलासन:
यह योगासन थायराइड ग्रंथि की कार्यक्षमता बढ़ाता है। हलासन से वजन कम करने में मदद मिलती है। पाचन में फायदेमंद है। मधुमेह के प्रबंधन में मदद करता है और थायराइड के मरीजों के लिए भी असरदार है। ये रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और त्वचा व बालों के लिए फायदेमंद होता है। हलासन के अभ्यास के लिए पीठ के बल लेटकर पैरों को ऊपर उठाएं और सिर के पीछे ज़मीन पर टिकाएं।
यह थायराइड को नियंत्रित कर ब्लड सर्कुलेशन सुधारता है। इसके अभ्यास के लिए पीठ के बल लेटें। फिर छाती को ऊपर उठाएं और सिर को पीछे झुकाएं। मत्स्यासन से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत बेहतर होती है। ये आसन गर्दन, गले और कंधों के तनाव को दूर करता है और गर्दन व पेट के सामने के हिस्से को स्ट्रेच करके टोन करने में मदद करता है।
उज्जायी प्राणायाम:
यह थायराइड ग्रंथि को सक्रिय करने और गले में ब्लड फ्लो बढ़ाने में मदद करता है। इस श्वसन क्रिया के अभ्यास के लिए गले से हल्की घरघराहट की आवाज निकालते हुए धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें।
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