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हर डायबिटीज रोगी के लिए जरूरी है ये 5 मेडिकल जांच

Kiran
3 July 2023 3:50 PM GMT
हर डायबिटीज रोगी के लिए जरूरी है ये 5 मेडिकल जांच
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वर्तमान समय में कई बीमारियां अपने पैर पसार रही हैं जिसमें से एक हैं मधुमेह अर्थात डायबिटीज। डायबिटीज की समस्या ने लोगों को बहुत परेशान कर रखा हैं क्योंकि इसमें शुगर लेवल के उतार-चढ़ाव से ग्लूकोज का स्तर बदलता रहता हैं। डायबिटीज की समस्या में आपको समय-समय पर कई मेडिकल जांच कराने की जरूरत होती हैं क्योंकि मधुमेह के मरीजों को कई अन्य बिमारियों का खतरा बना रहता हैं। इसलिए आज हम आपके लिए उन मेडिकल जांचों की जानकारी लेकर आए हैं जिन्हें डायबिटीज रोगीयों को समय-समय पर कराते रहना चाहिए।
ब्लड प्रेशर की जांच
हाई ब्लड प्रेशर ‘साइलेंट किलर’ के समान है। मधुमेह रोगियों में हाई ब्लड प्रेशर काफी घातक साबित हो सकता है। मधुमेह में हाई ब्लड प्रेशर होने से हृदय रोग, हृदयघात, किडनी व आंखों की समस्या भी हो सकती है। इन सबसे बचने के लिए जरूरी है कि आप ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करवाएं।
पैरों की जांच
मधुमेह में रोगियों को पैरों की समस्या हो सकती है। मधुमेह में पैरों की कोई भी समस्या होने पर इसे गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि इसमें पैरों की संवेदनशीलता धीरे धीरे कम होने लगती है। इसलिए पैरों में लगने वाली छोटी से छोटी चोट, संक्रमण रोगियों के लिए खतरनाक हो सकती है।
आंखों की जांच
जब रक्त में ग्लूकोज का स्तर लंबे समय तक बढ़ा हुआ रहता है तो इसका सीधी असर रेटिना पर पड़ता है। इसे रेटिनोपेथी कहते हैं। आंखों को होने वाले नुकसान आसानी से नहीं पता चलता है इसके लिए रोगी को नियमित जांच करना जरूरी है। अगर रेटिनोपेथी का ज्लद इलाज नहीं किया गया तो रोगी अंधा भी हो सकता है। कई बार मधुमेह रोगी को धुंधला दिखाई देता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपंर्क करें।
ग्लूकोज की जांच
मधुमेह रोगियों को रक्त में ग्लूकोज के स्तर की जांच नियमित रुप से करना चाहिए। ग्लूकोज का स्तर बढ़ना रोगी के लिए खतरनाक हो सकता है। इसके साथ ही खून की जांच भी मधुमेह रोगियों के लिए जरूरी है इससे पता चलता है कि किडनी ठीक ढंग से काम कर रही हैं या नहीं। मधुमेह में किडनी पर काफी प्रभाव पड़ता है। नियमित जांच से रोगी को किडनी की समस्या से दूर रखता है।
कोलेस्ट्रोल की जांच
मधुमेह में रोगियों को कोलेस्ट्रोल की जांच जरूर करानी चाहिए क्योंकि मधुमेह रोगियों में कोलेस्ट्रोल बढ़ने पर हृदय रोग का खतरा दुगुना हो जाता है। रक्त में ग्लूकोज की मात्रा खराब कोलेस्ट्रोल (LDLS) को गति को धीमा कर सकती है जिसकी वजह से वह चिपचिपा हो जाता है और यही कारण है जिससे कोलेस्ट्रोल तेजी से बनने लगता है। बैड कोलेस्ट्रोल रक्त की धमनियों में जम जाता है और हृदय से जुड़ी समस्याएं पैदा करता है।
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