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Lifestyle: बच्चेदानी को चाहते हैं मजबूत बनाये रखना, करें कपालभाती प्राणायाम
लाइफस्टाइल: जैसी समस्याएं महिलाओं में बांझपन की दर को बढ़ा सकती हैं। ऐसी समस्याओं से बचने के लिए हर महिला को अपने गर्भाशय को मजबूत रखना बहुत जरूरी है। जिसके लिए अच्छी डाइट के साथ-साथ शारीरिक रूप से सक्रिय रहना भी बहुत जरूरी है। अगर आप भी अपने गर्भाशय को मजबूत रखना चाहती हैं तो अपनी डाइट को अच्छा रखने के साथ-साथ कपालभाति प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। आइए जानते हैं कपालभाति प्राणायाम करने का सही तरीका क्या है और इससे मिलने वाले कई आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभ।
कपालभाति प्राणायाम को जीवन की संजीवनी भी कहा जाता है। इसे हठ योग में शामिल किया गया है। इसे योगासनों में सबसे कारगर प्राणायाम माना जाता है, जो शरीर के अलग-अलग अंगों पर प्रभावी तरीके से काम करता है। कपालभाति के नियमित अभ्यास से गर्भाशय से जुड़ी समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
कपालभाति करने का सही तरीका: कपालभाति प्राणायाम करने के लिए किसी शांत जगह पर पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। इसके बाद अपने हाथों को घुटनों पर रखकर लंबी गहरी सांस लें और पेट को बाहर निकालें। फिर सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर लें। रोजाना 15-20 मिनट तक कपालभाति का अभ्यास करने से आपका संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। कपालभाति करने से गर्भाशय और प्रजनन क्षमता मजबूत होती है।
कपालभाति के फायदे:
- कपालभाति प्राणायाम करने से शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकालने में मदद मिलती है।
- लीवर और किडनी का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
- थकान दूर होने के साथ ही शरीर ऊर्जावान रहता है।
- आंखों के नीचे काले घेरे भी ठीक हो जाते हैं।
- ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होने के साथ ही शरीर का मेटाबॉलिज्म भी अच्छा रहता है।