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इन घरेलु उपचार से पाये अस्थमा के रोग से छुटकारा

Kiran
1 July 2023 4:06 PM GMT
इन घरेलु उपचार से पाये अस्थमा के रोग से छुटकारा
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श्वसन नलिका में किसी संक्रमण और रोग के कारण खांसी आना और सांस लेने में तकलीफ़ होना, अस्थमा रोग (दमा रोग) कहलाता है। आपने किसी न किसी को सांस लेने में मुश्किल होने पर इंहेलर पम्प का इस्तेमाल करते देखा होगा। यह किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकती है। दमा रोग एक प्रकार की एलर्जी है, जिस कारण सांस लेने में तकलीफ़ हो जाती है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति सांस लेने में दिक़्क़त महसूस करता है, अक्सर उसकी सांस फूल जाती है या फिर सांस लेने में परेशानी होती है। आज हम आपको बताने जा रहें है कुछ ऐसे उपाय जो इस रोग को कण्ट्रोल करने में आपके लिए सहायक सिद्ध होंगें।
# एक कप मैथी का बना काढ़ा, थोड़ा सा शहद और एक चम्मच अदरक का रस मिला ले। ये होम रेमेडी अस्थमा का उपचार करने में काफी फायदेमंद है।
# दमा के ट्रीटमेंट में लहसुन का प्रयोग बहुत फ़ायदेमंद है। 30 मिली दूध में लहसुन की 5 छिली कलियाँ उबालकर रोज़ सेवन कीजिए। चाहें तो अदरक वाली चाय में लहसुन की कलियाँ पीसकर डालें और इस चाय का सेवन करें।
# सुहागे की खील बनाकर चूर्ण तैयार कर लें। इसमें मुलहठी का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर आधा से एक ग्राम की मात्रा शहद के साथ चाटें। इससे श्वास नली के कष्ट दूर होकर दमा, खांसी और जुकाम में लाभ होता है। इस चूर्ण को गरम जल से भी ले सकते हैं। आयु के अनुसार मात्रा अधिक या कम कर सकते हैं। तीन-चार सप्ताह तक सेवन करते रहने से साधारण दमा ठीक हो जाता है।
# सरसों के तेल में थोड़ा सा कपूर मिलाकर गर्म करें। अब इसे एक कटोरी में निकाल लें और गर्म अवस्था में ही इससे अपनी छाती, पीठ और गर्दन की मालिश करें। इस उपचार को रोज करें जबतक अस्थमा ठीक न हो जाये।
# गर्म कॉफी पीने से भी दमा की बीमारी में राहत मिलती है। कॉफी से साँस लेने वाली नली साफ़ होती है जिससे सांस लेने में दिक्कत नहीं आती।
# 5 लौंग की कलियाँ आधा गिलास पानी में 5 मिनट उबालें। फिर इसे छानकर इसमें थोड़ा शहद मिलाकर गरमागरम पिएँ। दिन में तीन बार नियमित रूप से सेवन करने से दमा कंट्रोल में आ जाता है।
# अंजीर दमा के रोगियों के लिए लाभदायक है। इससे बलगम बाहर निकलने में आसानी होती है। दो-तीन अंजीर गरम पानी से धोकर रात्रि को साफ बर्तन में भिगो दें। प्रातःकाल नाश्ते से पूर्व उन अंजीरों को खूब चबाकर खाएं। उसके बाद वह पानी पी लें।
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