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धूल-मिट्टी से एलर्जी एक आम समस्या, इन उपायों की मदद से पाएं आराम

Kiran
3 July 2023 2:07 PM GMT
धूल-मिट्टी से एलर्जी एक आम समस्या, इन उपायों की मदद से पाएं आराम
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एलर्जी होना वर्तमान समय में एक आम समस्या बन चुकी हैं क्योंकि आजकल का खानपान आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर बनाता हैं। देखा गया है कि वर्तमान समय में सबसे आम एलर्जी धूल-मिट्टी की वजह से होती है जिसमें धूल-मिट्टी के संपर्क में आते ही जुखाम की समस्या पैदा होने लग जाती हैं। यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ने लगती हैं और परेशानी का कारण बनती हैं। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ ऐसे घरेलू उपाय लेकर आए है जिनकी मदद से इस समस्या को कम किया जा सकता हैं और आराम पाया जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं इन घरेलू उपायों के बारे में।
सेब का सिरका
एक गिलास पानी में 1 चम्मच एप्पल साइडर सिरका मिलाएं और दिन में तीन बार इसका सेवन करें। यह पेय कफ यानी बलगम के बनने की प्रक्रिया को तेजी से धीमा करता है और लसीका प्रणाली को साफ करता है।
भाप यानी स्टीम
भाप लेना धूल एलर्जी के इलाज सबसे कारगर और अचूक तरीका है। कम से कम 10 मिनट के लिए भाप लें ये आपके नाक से लेकर फेफड़े तक काम करता है। इससे कंजेशन खत्म होता है और खुल कर सांस लिया जा सकता है।
विटामिन सी
जिद्दी डस्ट एलर्जी से राहत पाने के लिए यह सबसे सरल और आसान तरीका है आप विटामिन सी का इंटेक बढ़ा दें। खट्टे फल जैसे संतरे और मीठे नीबू के फल विटामिन सी से भरपूर होते हैं और ये सफेद रक्त कोशिकाओं द्वारा होने वाले हिस्टामाइन के स्राव को रोकते जिससे शरीर में ब्लॉकेज बढ़ती है। विटामिन सी नाक के स्राव और ब्लॉकेज को भी कम करता है।
शहद
शहर में वो गुण होता है जो न केवल एलर्जी को खत्म कर आपको जुकाम और छींक से राहत पहुंचाता है बल्कि ये आपके गले में होने वाले खराश और श्वांस नली में आई सूजन को भी सही करता है। ये ल्युब्रिकेंट की तरह खराश और खांसी को सही करने का काम करता है। जब भी आपको ऐसा लगे कि आपको डस्ट एलर्जी हो रही तो आप एक चम्मच शहद पी लें। इसके बाद कुल्ला करें लेंकिन पानी न पीएं।
प्रोबायोटिक्स
एलर्जी प्रतिरक्षा प्रणाली में असंतुलन के कारण होती है। इसके लिए जरूरी है कि अच्छे बैक्टिरया को पैदा किया जाए जो कि आंत में होते हैं। इसके लिए प्रोबायोटिक्स बेस्ट होते हैं, ये एलर्जी को ठीक करने का काम करते हैं। आंत के बैक्टीरिया को बढ़ावा देने के लिए दही या दही से बनी चीजें लें क्योंकि इनमें प्रोबायोटिक्स होते हैं।
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