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इस शख्स ने 66 की उम्र में ज्वाइन की जिम, दूसरों के लिए बने प्रेरणा

Apurva Srivastav
26 March 2021 4:41 PM GMT
इस शख्स ने 66 की उम्र में ज्वाइन की जिम, दूसरों के लिए बने प्रेरणा
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इंसान टूटता है, जुड़ता है। लेकिन कई लोग जब जुड़ते हैं तो इतने मजबूत हो जाते हैं कि कोई दुख उन्हें फिर तोड़ नहीं पता।

इंसान टूटता है, जुड़ता है। लेकिन कई लोग जब जुड़ते हैं तो इतने मजबूत हो जाते हैं कि कोई दुख उन्हें फिर तोड़ नहीं पता। एक ऐसे ही शख्स की कहानी Humans Of Bombay ने शेयर की है।

साल 1999 में हुआ था पत्नी का निधन

ट्विटर पर उन्होंने ये तस्वीरें शेयर की। इन तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि एक बुजुर्ग इंसान है जो वर्कआउट भी कर रहा है। उनकी अपनी पत्नी के साथ एक पुरानी तस्वीर भी है। चलिए अब बताते हैं उनकी कहानी। ये कहानी इंस्टा पेज पर शेयर की गई है। 'साल 1999 में जब मेरी पत्नी का देहांत हुआ था तो मेरा दिल टूट गया था। फिर मुझे रिलाइज हुआ कि मैं उसपर कितना ज्यादा निर्भर था। मनजीत (पत्नी का नाम) सबकुछ मैनेज करती थी, पब्लिकेशन हाउस का बिजनेस चलाने से लेकर बच्चे सब। मुझे आज भी हैरत होती है कि वो ऐसा कैसे कर लेती थी। जब वो मुझे छोड़कर चली गई तो मैं उधेड़बुन में था। यहां तक कि कंपनी भी नहीं चल पाई। 50 साल की उम्र में ही मैं हार मान चुका था।'
'मैं डिप्रेशन में था'
वो आगे बताते हैं, 'मैं डिप्रेशन में था। ज्यादा खाना खाता था। मेरे पास कोई कारण नहीं था। दूसरे और मेरे बच्चे मुझपर दया करते थे, मुझे ये बुरा लगता था। मैं कई सालों तक तो अपने घर से बाहर भी नहीं निकला। यहां तक कि मैं अपने पड़ोसियों को भी नहीं जानता था। मैं खुद को खो चुका था।'
'मेरे बच्चों ने की मेरी मदद'
'फाइनली मेरे बच्चों ने मुझे इससे बाहर निकालने में मदद की। वो मुझे स्टेप पर स्टेप बताते गए। जब मैं 60 साल का था तो मैं 30 बरस बाद जॉगिंग पर गया। मुझे सांस चढ़ गया। मैं थक गया। पर मुझे रोज उस पल का इंतजार रहने लगा। मैं जिंदगी में छोटे-छोटे गोल बनाए, जैसे बिना रूके 2 किलोमीटर दौड़ना। फिर मैंने 1500 मीटर मैराथन में भी भाग लिया। ये सीनियर सिटीजन कैटेगरी की थी। मैंने सोचा था मैं जीतूंगा पर मैं 5वें स्थान पर आया। ये ही मेरा टर्निंग प्वाइंट था। मुझे जीतना था।'
सुबह पांच बजे उठता था
'मैं सुबह पांच बजे उठता था और खुद को दौड़ने के लिए पुश करता था। एक साल में ही मैं 15 से 20 किलोमीटर एक बार में दौड़ने लगा। फिर मैंने 10 किलोमीटर वाली मैराथन में भाग लिया। जहां मैं अपने से आधी उम्र के लोगों के साथ दौड़ रहा था। वहां लोगों ने मुझे कहा कि अंकल आपका यहां आना हमें इंस्पायर कर रहा है। मैंने कहा मैं यहां जीतने आया हूं। और मैं दौड़ा। मुझे याद है मनजीत और मैं वहां जीतने के लिए ही गए थे। मैंने वहां पहला प्राइज जीता।'
66 साल में ज्वाइन किया जिम
'66 साल की उम्र में मैंने जिम ज्वाइन की। सब मेरी तरफ देखते रहे। सबने सोचा मैं रिटायरमेंट इन्जॉय करूंगा। मैं सुबह 5 से 8 जिम जाता। फिर अपने बच्चों के साथ नए बिजनेस में मदद करता। शाम को 7 से 10 फिर जिम जाता। मैंने जिम में एकसाथ 584 पुशअप मारने का रिकॉर्ड भी बनाया। यहां तक कि ऑनर भी कहता था सर हम आपको अपना ब्रांड एंबेसडर बनाना चाहते हैं।'
'आज मैं 75 का हूं'
'आज मैं 75 साल का हूं। इतना फिट मैं कभी भी नहीं रहा। अपने बेटों के साथ कपड़ों की एक कंपनी चलाता हूं। रोज मैं मनजीत की तस्वीर को देखता हूं। क्योंकि रोज ही मैं उस जैसा मजबूत बनना चाहता हूं। देखो मनजीत, हालात चाहे जितने भी बुरे रहे पर मैंने हार नहीं मानी।'


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