डायबिटीज रोगियों के लिए रामबाण है ये औषधि, हृदय और किडनी रोगों में भी दिखे लाभ

दुनियाभर में मधुमेह, सबसे तेजी से बढ़ने वाली स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। वैज्ञानिकों ने कई रिपोर्टस में चिंता जाहिर की है

Update: 2021-10-04 03:54 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनियाभर में मधुमेह, सबसे तेजी से बढ़ने वाली स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। वैज्ञानिकों ने कई रिपोर्टस में चिंता जाहिर की है कि जीवनशैली और खान-पान में गड़बड़ी के कारण बहुत ही कम उम्र के लोग भी इस गंभीर रोग की चपेट में आ रहे हैं। मधुमेह को 'साइलेंट किलर' के रूप में भी जाना जाता है, यानी कि यदि समय पर इसके रोकथाम के उपाय न किए जाएं तो सेहत के लिए यह काफी नुकसानदायक हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मधुमेह की समस्या हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, किडनी फेलियर और कोमा जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का भी कारण बन सकती है, इसलिए इससे बचाव के प्रयास किए जाने चाहिए। 

मधुमहे के खतरे और इससे बचाव के उपायों को जानने के लिए अध्ययनकर्ताओं की एक टीम ने बड़ा दावा किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा तुलसी के पत्तों का सेवन भी मधुमेह के खतरे को काफी हद तक कम करने के साथ, स्थिति में सुधार करने में भी सहायक हो सकता है। आइए इस अध्ययन के बारे में आगे की स्लाइडों में विस्तार से जानते हैं।

डायबिटीज में तुलसी की पत्तियों के लाभ

प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में तुलसी के पत्तों से होने वाले तमाम तरह के लाभ का जिक्र मिलता है। आधुनिक मेडिकल चिकित्सा भी इन फायदों के बारे में जानने के लिए अध्ययन कर रही है। इसी से संबंधित "मैकेडोनियन जर्नल ऑफ मेडिकल साइंटिस्ट्स" में प्रकाशित एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने तुलसी के फायदों के बारे में बताया है। मधुमेह में तुलसी के फायदों को जानने के लिए शोधकर्ताओं ने डायबिटिक चूहों पर अध्ययन किया। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि तुलसी की पत्तियां ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में सहायक हो सकती हैं। 

अध्ययन में क्या पता चला?

अध्ययन के लिए चूहों को तुलसी का अर्क देने से पहले उनके ब्लड शुगर की जांच की। चार सप्ताह तक किए गए इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि तुलसी का अर्क ब्लड ग्लूकोज के स्तर को कम करने में काफी सहायक हो सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि तुलसी की पत्तियों में पाया जाने वाला इथेनॉल, ब्लड शुगर को तेजी से कम करने में कारगर है। एक महीने तक चले इस अध्ययन के अंत में वैज्ञानिकों ने चूहों के ब्लड शुगर स्तर में 26.4 प्रतिशत की कमी देखी।

तुलसी की पत्तियों के फायदे

अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि तुलसी की पत्तियां मेटाबॉलिक स्ट्रेस को लक्षित करती हैं जो वजन घटाने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में भी सहायता कर सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि तुलसी की पत्तियों में हाइपोग्लाइकेमिक गुण होते हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर और मधुमेह की जटिलताओं को कम करने में भी मदद कर सकते हैं। कुछ और अध्ययनों में वैज्ञानिकों ने पाया था कि तुलसी की पत्तियों का सेवन अग्नाशयी बीटा-सेल फ़ंक्शन और इंसुलिन स्राव के स्तर में भी सुधार कर सकती है।

तुलसी को लेकर अन्य अध्ययन

एमएस यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा के खाद्य एवं पोषण विभाग द्वारा किए गए ऐसे ही एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि तुलसी के पत्तों के पाउडर का एक महीने तक सेवन रक्त शर्करा, यूरोनिक एसिड, अमीनो एसिड, कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड और फॉस्फोलिपिड के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। यह किडनी और हृदय रोगों के कारकों को कम करके कई तरह से खतरों से सुरक्षा देने में भी सहायक हो सकता है। टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को कम करने के लिए इसका नियमित सेवन किया जा सकता है।

Tags:    

Similar News

-->