वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाला गायब होने का फॉर्मूला, खड़े-खड़े 'मिस्टर इंडिया' बन जाएगा इंसान

फिक्शन और असलियत में इतना फर्क है कि हम उसे सपने सरीखा समझते हैं, लेकिन

Update: 2022-03-18 17:22 GMT
Scientists develop an Invisible Shield : फिक्शन और असलियत में इतना फर्क है कि हम उसे सपने सरीखा समझते हैं, लेकिन विज्ञान ऐसी कमाल की चीज़ है, जो हर सपने को हकीकत में बदल सकता है. इंसान की एक ऐसी ही सदियों से चली आ रही 'गायब' (Mister India Film) होने की कल्पना भी वैज्ञानिकों ने काफी हद तक साकार कर दी है. ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने एक ऐसी शील्ड डेवलप (Invisible Shield ) कर ली है, जिसके पीछे जाते ही इंसान गायब हो जाता है.
ये धांसू तकनीक लेकर आया है लंदन बेस्ड एक स्टार्ट अप, जिसका नाम है- Invisiblity Shield Co. इस आविष्कार में ऐसे लेंस का इस्तेमाल किया गया है, जो लाइन पड़ने के बाद एक अलग तरह का इफेक्ट देता है और इसके पीछे मौजूद चीज़ें देखते ही देखते गायब हो जाती हैं.
तैयार हो चुकी है 'गायब करने वाली शील्ड'
Daily Mail की रिपोर्ट के मुताबिक स्टार्ट अप कंपनी की ओर से अब तक 25 ऐसी इनविज़िबल शील्ड्स तैयार कर ली गई हैं, जो पूरी तरह काम कर रही हैं. कंपनी की ओर से ऐसी और शील्ड्स पर काम किया जा रहा है. कंपनी का कहना है कि उन्हें इसके लिए उन्हें काफी रिसर्च और मेहनत करनी पड़ी. उन्होंने तरह-तरह के मटीरियल्स और कई बार फेल होने के बाद आखिरकार वो शील्ड तैयार कर ली, जो इंसान को गायब कर सकती है. छोटी शील्ड की लंबाई-चौड़ाई 12×8 इंच है और इसकी कीमत करीब 5 हज़ार रुपये है, जबकि बड़ी शील्ड 37×25 इंच की है और इसकी कीमत करीब 30 हज़ार रुपये है.
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कैसे काम करती है शील्ड ?
इस शील्ड में खास लेंस का इस्तेमाल किया गया है, जो ऑब्जेक्ट्स को आंखों से ओझल कर देता है. जब शील्ड के पीछे तेज़ रोशनी पड़ती है, तो ये फोकल प्वाइंट पर रिफ्रैक्ट हो जाती है और फिर सब तरफ फैलती है. शील्ड का अगला हिस्सा शैलो एंगल तक जाता है फिर लाइट अंदर की ओर रेफ्लेस्ट होना शुरू हो जाती है. इसी डिफ्यूज़न, रेफ्लेक्शन और रिफ्रैक्शन का खेल है कि शील्ड के पीछे खड़ा इंसान दिखाई नहीं देने लगता. शील्ड में इस्तेमाल किया गया मटीरियल यूवी, तापमान को झेल सकता है और काफी मजबूत है. यूनिफॉर्म बैकग्राउंड पर ये अच्छा प्रदर्शन करती है.
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