डोनेशिया से लेकर भारत तक पाया जाता है King Cobra, जानिए कहां से विकसित हुआ जहरीला सांप
डोनेशिया से लेकर भारत तक पाया जाता है King Cobra
दुनिया का सबसे बड़ा जहरीला सांप (World's Biggest Venomous Snake) जो करीब 13 फीट लंबा हो सकता है. जिसका फन (Hood) ही उसकी अलग पहचान है. उसे किंग कोबरा (King Cobra) कहते हैं. विज्ञान की भाषा में ओफियोफैगस हाना (Phiophagus Hannah) बुलाया जाता है. इसका साम्राज्य बहुत बड़ा है. यह इंडोनेशिया से लेकर भारत तक पाया जाता है.
एक नई स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि किंग कोबरा (King Cobra) का बड़ा साम्राज्य किसी एक प्रजाति की वजह से नहीं है. इसकी चार प्रजातियां पूरी दुनिया में राज करती हैं. यानी किंग कोबरा (King Cobra) चार प्रजातियों का शाही वंशज है. आपको इसी इकलौते सांप के चार अलग-अलग रूप भी देखने को मिल सकते हैं. या क्रॉस ब्रीड होने के बाद एक अलग ही भयावह, बड़ा और जहरीला रूप.
किंग कोबरा (King Cobra) की जो चार प्रजातियां दुनिया में मौजूद हैं, अभी उनको आधिकारिक नाम नहीं दिया गया है. लेकिन ये हैं- दक्षिणपश्चिम भारत का पश्चिमी घाट वंश, पश्चिमी चीन और इंडोनेशिया का इंडो-चाइनीज वंश, भारत और मलेशिया का इंडो-मलायन वंश और फिलिपीन्स में मिलने वाला लूजॉन आइलैंड वंश.
इस स्टडी के शोधकर्ता और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस में इवोल्यूशनरी इकोलॉजिस्ट कार्तिक शंकर ने बताया कि किंग कोबरा (King Cobra) की कई प्रजातियों का होना हैरानी वाली बात है. क्योंकि ये एक जैसे दिखते हैं, एक जैसे इलाके में रहते हैं, एक जैसा व्यवहार दिखाते हैं. इतनी समानताएं होने के बावजूद भी किंग कोबरा (King Cobra) इतने बड़े भौगोलिक इलाके में रहते हैं. उदाहरण के लिए थाईलैंड के किंग कोबरा के शरीर पर 70 चमकीले ऑफ-व्हाइट रिंग होते हैं, जबकि फिलिपीन्स वाले कोबरा के शरीर पर कम और धुंधले मिलते हैं.
किंग कोबरा (King Cobra) कुछ स्थानीय व्यवहार भी दिखाते हैं. कोबरा ऐसे सांप होते हैं, जो अपना घोंसला बनाने के लिए आसपास से चीजें जमा करते हैं. ताकि उस घोंसले में अपने अंडे रख सकें. लेकिन घोंसलों में रखे अंडे के प्रति उनका रवैया अलग-अलग देश के हिसाब से बदल जाता है. कुछ जगहों पर मादा किंग कोबरा अंडे को सेती है, तो कुछ जगहों पर छोड़ देती है.
शोधकर्ता सिर्फ व्यवहारिक और शारीरिक अंतरों की ही खोज नहीं कर रहे है. वो अब किंग कोबरा (King Cobra) की चारों प्रजातियों के बीच जेनेटिक अंतर को भी समझने का प्रयास कर रहे हैं. कर्नाटक स्थित कलिंगा सेंटर फॉर रेन फॉरेस्ट इकोलॉजी के बायोलॉजिस्ट पी. गॉवरी शंकर कहते हैं कि दुनिया के सबसे बड़े जहरीले सांप के जेनेटिक्स का अध्ययन करना आसान काम नहीं है. इन्हें पकड़कर रखना और उनके नजदीक जाकर स्टडी करना घातक हो सकता है.
पी. गॉवरी शंकर कहते हैं कि मेंढक और कछुआ की स्टडी नहीं है. ये किंग कोबरा (King Cobra) की स्टडी है. इस काम में मुश्किल आती है. हालांकि हमारी टीम ने 62 किंग कोबरा के स्पेसिमेन चुनकर उनका डीएनए सैंपल जमा किया है. हमने उनके स्केल और मृत सांपों से मांसपेशियों के ऊतक लिए हैं. कुछ डीएनए म्यूजियम में रखे सैंपलों से भी कलेक्ट किए गए हैं. ताकि इन सभी किंग कोबरा (King Cobra) के बीच मौजूद जेनेटिक अंतर को समझा जा सके.
शुरुआत में शोधकर्ताओं ने माइटोकॉन्ड्रियल जीन्स का अध्ययन किया. क्योंकि ये मां से अपने बच्चे में ट्रांसफर होता है. इसमें ही चार अलग-अलग वंशों का पता चला. इसके बाद न्यूक्लियर डीएनए की अलग-अलग जांच की गई. पता चला कि चारों वंश अलग-अलग प्रजातियों के हैं. इनका आपस में कोई संबंध नहीं है. ये किसी एक स्थानीय प्रजाति के नहीं हैं. जेनेटिकली भी अलग हैं.
शंकर ने बताया कि जेनेटिक अंतर की वजह से भौगोलिक स्थितियों का पता चलता है. साथ ही अलग-अलग जीन्स के ओवरलैप होने और उनमें मिलने वाले अंतरों से इन जीवों को बचाने में मदद मिल सकती है. किंग कोबरा (King Cobra) इंटरनेशनल यूनियन फॉर द कंजरवेशन ऑफ नेचर (IUCN) द्वारा खतरे की श्रेणी में रखा गया सांप है. यह स्टडी हाल ही में मॉलीक्यूलर फाइलोजेनेटिक्स एंड इवोल्यूशन में प्रकाशित हुई है.