कृषि वैज्ञानिकों ने बढ़ते तापमान और लू को देखते हुए किसानों को दी सलाह

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा ने गरम हवा एवं लू चलने की संभावना को देखते हुए किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है

Update: 2022-04-04 08:50 GMT
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) पूसा ने गरम हवा एवं लू चलने की संभावना को देखते हुए किसानों (Farmers) के लिए एडवाइजरी जारी की है. संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि किसान आने वाले दिनों में लू तथा तापमान बढ़ने की संभावना को ध्यान में रखते हुए सब्जियों, सब्जियों की नर्सरी, जायद फसलों तथा फलों (Fruits) के बगीचों में हल्की सिंचाई नियमित अंतराल पर करें. नर्सरी व पौधों को लू से बचाने के लिए अवरोधकों के उपयोग की सलाह दी जाती है. अनाज को भंडारण में रखने से पहले भंडार घर की अच्छी तरह सफाई करें तथा अनाज को अच्छी तरह से सुखा लें. कूड़े-कचरे को जला या दबा कर नष्ट कर दें. भंडार घर की छ्त, दीवारों और फर्श पर एक भाग मेलाथियान 50 ईसी को 100 भाग पानी में मिला कर छिड़काव करें.
कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि भंडारण के लिए यदि पुरानी बोरियां इस्तेमाल करनी पड़े तो उन्हें एक भाग मेलाथियान व 100 भाग पानी के घोल में 10 मिनट तक भिगो कर छाया में सुखा लें. इस मौसम में तैयार गेहूं की फसल की कटाई की सलाह है. किसान कटी हुई फसलों (Crop) को बांधकर रखे अन्यथा तेज हवा या आंधी से फसल एक खेत से दूसरे खेत में जा सकती है. गहाई के बाद भंडारण से पूर्व दानों को अच्छी तरह से सुखा दें.
पर्याप्त नमी वाले खेत में करें मूंग की बुवाई
मूंग की फसल की बुवाई के लिए किसान भाई उन्नत बीजों की बुवाई करें. मूंग–पूसा विशाल, पूसा रत्ना, पूसा- 5931, पूसा बैसाखी, पी.डी एम-11, एस एम एल- 32, एस एम एल- 668 एवं सम्राट की बुवाई की सलाह दी गई है. बुवाई से पहले बीजों को फसल विशेष राईजोबीयम तथा फास्फोरस सोलूबलाईजिंग बैक्टीरिया से अवश्य उपचार करें. बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है.
प्रमाणित स्रोत से खरीदें बीज
फ्रेंच बीन (पूसा पार्वती, कोंटेनडर), सब्जी लोबिया (पूसा कोमल,पूसा सुकोमल), चौलाई (पूसा किरण, पूसा लाल चौलाई), भिंडी (ए-4, परबनी क्रांति, अर्का अनामिका आदि), लौकी (पूसा नवीन, पूसा संदेश), खीरा (पूसा उदय), तुरई (पूसा स्नेह) आदि तथा गर्मी के मौसम वाली मूली (पूसा चेतकी) की सीधी बुवाई के लिए वर्तमान तापमान अनुकूल है. क्योंकि, बीजों के अंकुरण के लिए यह तापमान उपयुक्त है. उन्नत किस्म के बीजों को किसी प्रमाणित स्रोत से लेकर बुवाई करें. बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है.
कीटों से कैसे करें बचाव
भिंडी की फसल में माईट कीट की निरंतर निगरानी करते रहें. अधिक कीट पाए जाने पर इथेयान @1.5-2 मिली/लीटर पानी की दर से छिड़काव करें. इस मौसम में समय से बोई गई प्याज की फसल (Onion Crop) में थ्रिप्स के आक्रमण की निरंतर निगरानी करते रहें. बैंगन तथा टमाटर की फसल को प्ररोह एवं फल छेदक कीट से बचाव हेतु ग्रसित फलों तथा प्रोरहों को इकट्ठा कर नष्ट कर दें. यदि कीट की संख्या अधिक हो तो स्पिनोसेड़ कीटनाशी 48 ईसी@ 1 मिली/4 लीटर पानी की दर से छिड़काव करें.
कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि रबी फसल यदि कट चुकी है तो उसमें हरी खाद के लिए खेत में पलेवा करें. हरी खाद के लिए ढ़ैंचा, सनई अथवा लोबिया की बुवाई की जा सकती है. परंतु बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है.
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