Vastu Tips: हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र (Vastu Jyotish) को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर और आसपास जगहों पर अगर वास्तु संबंधी कोई भी दोष होता है तो इसका नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर जरूर पड़ता है।
वास्तु शास्त्र की मानें तो, जिन स्थानों पर वास्तु दोष होता है वहां पर नकारात्मकता और दरिद्रता का वास रहता है। ऐसे में घर की हर छोटी से लेकर बड़ी वस्तु को रखने के कुछ वास्तु नियम बताए गए हैं। जिनका ध्यान रखा जाए तो व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने पर आप कई Healthसंबंधी समस्याओं से बच सकते हैं। तो आइए जान लें। वास्तु संबंधी नियम
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दिशाओं का विशेष महत्व होता है। दिशा के अनुसार ही घर का निर्माण और घर में रखी हुई चीजों का वास्तु शास्त्र में खास महत्व होता है। सही दिशा में घर की स्थिति होने पर वास्तु-दोष नहीं होता है। वास्तु शास्त्र में दक्षिण की दिशा को शुभ नहीं माना जाता है।
ऐसे में अगर आपके घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में है तो इससे आपके घर में हमेशा ही वास्तु दोष बना रह सकता है। अगर आपके घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में है तो इस वास्तु दोष को खत्म करने के लिए घर के द्वार पर गणेश जी की प्रतिमा और दिक्दोषनाशक यंत्र वास्तु दोष निवारण का महत्वपूर्ण यंत्र माना जाता है। इस उपाय से घर में वास्तु दोष से बचा जा सकता है।
कई लोगों की आदत होती है कि वह सीढ़ियों के नीचे की जगह पर कुछ-न-कुछ रख देते हैं। वास्तु शास्त्र में इसे ठीक नहीं माना गया, क्योंकि ऐसा करने से आप कई बीमारियों से घिर सकते हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए वास्तु में सीढ़ियों के नीचे की जगह को साफ और अव्यवस्था मुक्त रखने की सलाह दी जाती है।
अगर वास्तु शास्त्र की बात करे तो, घर के मंदिर की दिशा ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व को सबसे शुभ माना गया है। ऐसे में अगर आपके घर में बना मंदिर दक्षिण या पश्चिम दिशा में है तो यह अशुभ माना जाता है और इससे घर में वास्तु-दोष पैदा हो सकता है। ऐसे में आपको इस दिशा में मंदिर को कभी भी भूलकर नहीं रखना चाहिए। गलत दिशा में रखें मंदिर से घर के सदस्यों को तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
यदि आपके घर में कोई नल टपकता है, तो आपको उसे तुरंत ठीक करवाना चाहिए। यह अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी माना गया है, क्योंकि वास्तु शास्त्र में माना गया है कि टपकता हुआ नल आपके स्वास्थ्य को खराब कर सकता है। लगातार बूंदों का शोर आपके जीवन में कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
वास्तु के अनुसार, हमेशा दक्षिण या पूर्व दिशा में सिर करके सोना चाहिए। भूलकर भी आपके पैर दक्षिण दिशा में रखकर न सोएं। क्योंकि ऐसा करने पर आप तमाम तरह के मानसिक तनाव से घिर सकते हैं। यह आपके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल सकता है। Vastuके अनुसार अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं और चैन की नींद लेना चाहते हैं तो सोते समय दिशाओं का ध्यान जरूर रखें।