Bajrang Baan pathज्योतिष न्यूज़ : महाबली हनुमान के भक्तों की दुनियाभर में कमी नहीं है मान्यता है कि हनुमान जी की आराधना से जीवन के दुख संकट टल जाते हैं और जीवन में खुशहाली आती है। अधिकतर लोग भय या फिर संकट के समय बजरंगबली को याद कर बजरंगबाण का पाठ करते हैं।
भगवान हनुमान की आराधना का सबसे खास दिन मंगलवार और शनिवार है इस दिन हनुमान जी के भक्त उनके मंदिर जाकर पूजा पाठ करते हैं साथ ही बजरंग बाण का पाठ भी करते हैं। लेकिन हर किसी के लिए बजरंग बाण का पाठ करना सही नहीं होता है। साथ ही ऐसा भी कहा जाता है कि बजरंग बाण का पाठ रोजाना भी नहीं करना चाहिए। इस पर बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री क्या कहते हैं इसके बारे में आज हम आपको विस्तार से बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
धीरेंद्र शास्त्री के अनुसार आप हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं लेकिन बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए। हर किसी के लिए बजरंग बाण का पाठ करना फलदायी नहीं होता है। ये हनुमान जी की पूजा करने के तरीके में गलत माना जाता है। अगर आप नियमित रूप से हनुमान साधना करते हैं तो हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं लेकिन बजरंगबाण पाठ को हर दिन नहीं करना चाहिए।
धीरेंद्र शास्त्री आगे कहते हैं कि जब तक मानव जीवन में दुखों का पहाड़ न टूट जाए या उन्हें मुसीबत न घेर लें तब तक बजरंग बाण के पाठ को नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि बजरंग बाण पाठ के दौरान हनुमान जी को शपथ दी जाती है। “सत्य शपथ करुणा निधान की, ये मुद्रिका मातु मैं आनी, दीन्हि राम तुम्ह कहँ सहिदानी” ये लाइन हनुमान जी को शपथ के तौर पर बोली जाती है। यह लाइन हनुमान जी को शपथ के तौर पर बोली जाती है। धीरेंद्र शास्त्री कहते हैं कि अगर हमें किसी से प्रेम है तो उन्हें शपथ क्यों दी जाएं।
ऐसे में अगर आपके जीवन में अधिक कष्ट और मुश्किलें हैं या फिर एक साथ कई दुख हावी हैं तो ऐसे में आप बजरंग बाण का पाठ कर सकते हैं लेकिन ध्यान रखें कि बजरंग बाण का पाठ एक से दो बार ही करना सही होगा। बार बार या फिर हर दिन बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए।