सर्दियों में ऐसे करें Laddu Gopal की सेवा होगी कृपा

Update: 2025-01-03 13:41 GMT
Laddu Gopal Seva Niyam ज्योतिष न्यूज़: हिंदू धर्म में रोजाना भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। मान्यता है कि विधिनुसार बाल गोपाल की आराधना करने से व्यक्ति के सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती हैं। धार्मिक ग्रंथों में बंसीधर को धैर्य, करुणा और प्रेम का प्रतीक माना गया है, उनके आशीर्वाद से साधक के प्रेम जीवन में खुशियों का वास होता है, आमतौर पर घरों में उनके बाल रूप की पूजा की जाती है, जिन्हें लड्डू गोपाल के नाम से
जाना जाता है।
कहते हैं कि जिस प्रकार एक बालक का पालन पोषण व उसकी देखरेख की जाती है, ठीक वैसे ही लड्डू गोपाल की सेवा भी की जाती है। अगर आप उन्हें घर में रख रहे हैं, तो इस दौरान कई विशेष नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए, इतना ही नहीं समय-समय पर उनकी पूजा और रहन सहन के तरीके में भी बदलाव लाना चाहिए। वर्तमान में सर्दियों का मौसम जारी है। ठंड में लड्डू गोपाल की सेवा का खास ध्यान रखें, नहीं तो उन्हें ठंड लगने की संभावना बनी रहती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि सर्दियों में बाल गोपाल की सेवा कैसे करनी चाहिए।
सर्दियों में ऐसे करें लड्डू गोपाल की सेवा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सर्दियों में लड्डू गोपाल को सुबह जल्दी नहीं उठाना चाहिए। आप उन्हें निर्धारित समय से थोड़ी देर के बाद भी उठा सकते हैं, इससे उनकी नींद पूरी हो सकती हैं।
सर्दियों में लड्डू गोपाल जी को हमेशा गर्म पानी से स्नान कराएं, इस दौरान स्नान के पानी में एक पत्ता तुलसी का अवश्य डालें। यह बहुत शुभ होता है।
माना जाता है कि लड्डू गोपाल जी को स्नान के तुरंत बाद गर्म वस्त्र पहनाएं, इस दौरान उन्हें टोपी पहनाना न भूलें। आप चाहे तो जुराब व ऊनी जैकेट भी पहना सकती हैं।
मान्यता है कि ठंड के मौसम में लड्डू गोपाल को बाहर ले जाने से बचना चाहिए, अन्यथा उन्हें ठंड लग सकती हैं। अगर आप किसी आपातकालीन स्थिति में बाहर जा रहे हैं, तो लड्डू गोपाल जी को किसी भरोसेमंद व्यक्ति को सौंप के जा सकते हैं।
सर्दियों में मौसम का प्रभाव ठंडा होने के कारण आप लड्डू गोपाल जी को गद्दे व कंबल वाले स्थान पर सुलाएं। सोते समय बाल गोपाल को कंबल या रजाई अवश्य ओढ़ाएं। ठंड से बचने के लिए आप उन्हें जल्दी भी सुला सकते हैं।
सर्दियों में लड्डू गोपाल जी के भोजन का खास ध्यान रखना चाहिए। खाने में उन्हें आप गर्म चीजें दे सकते हैं, जैसे तिल के लड्डू, हल्दी का दूध, हलवा आदि।
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