Skanda Sashti ज्योतिष न्यूज़ : आज स्कन्द षष्ठी है। हिंदू धर्म में स्कंद षष्ठी का व्रत अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव के बड़े पुत्र यानी भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना का विधान है। भगवान कार्तिकेय को देवताओं का सेनापति माना जाता है। विशेष रूप से भगवान कार्तिकेय की पूजा दक्षिण भारत में की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कार्तिकेय ने दानव तारकासुर का वध कर तीनों लोकों को उसके अत्याचारों से मुक्त कराया था। माना जाता है कि भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से व्यक्ति की हर समस्या का समाधान हो जाता है। आइए जानते हैं जनवरी में स्कंद षष्ठी का व्रत किस दिन रखा जाएगा। साथ ही जानेंगे पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व क्या है।
स्कंद षष्ठी व्रत की तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष माह की शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि का आरंभ 4 जनवरी की रात 10:00 बजे होगा और इसका समापन 5 जनवरी को रात 8:15 बजे होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, स्कंद षष्ठी का व्रत 5 जनवरी को रखा जाएगा।
स्कंद षष्ठी पूजा का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, षष्ठी तिथि 4 जनवरी की रात 10:00 बजे से 5 जनवरी की रात 8:15 बजे तक है। इस अवधि में भक्त विधिपूर्वक भगवान कार्तिकेय की पूजा कर सकते हैं।
शुभ योग का निर्माण
इस वर्ष स्कंद षष्ठी पर रवि योग का विशेष संयोग बन रहा है, जो सुबह 7:15 बजे से रात 8:18 बजे तक रहेगा। इसके अलावा, सर्वार्थ सिद्धि योग भी इस दिन पूरी रात रहेगा। इसके पश्चात त्रिपुष्कर योग और अभिजीत मुहूर्त का भी विशेष महत्व रहेगा।
स्कंद षष्ठी व्रत का महत्व
भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है। साथ ही व्यक्ति को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। भगवान कार्तिकेय की पूजा और व्रत संतान सुख की प्राप्ति के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। भगवान कार्तिकेय की कृपा से रोगों से मुक्ति, सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। स्कंद षष्ठी व्रत का पालन न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि भक्तों को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता का आशीर्वाद भी मिलता है।