Skanda Sashti ज्योतिष न्यूज़ : स्कन्द षष्ठी का व्रत अपने आप में विशेष है। इस दिन भगवान स्कंद की पूजा होती है, जिन्हें मुरुगन, कार्तिकेयन और सुब्रमण्यम आदि नामों से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लोग इस दिन भावपूर्ण उपवास रखते हैं और भगवान मुरुगन की पूजा करते हैं। कहते हैं कि इस दिन का व्रत रखने से सभी तरह के संकटों का नाश होता है। साथ ही शत्रुओं से सुरक्षा मिलती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2025 की पहली स्कन्द षष्ठी (Skanda Sashti 2025) 05 जनवरी यानी आज मनाई जा रही है, तो चलिए यहां पर इसकी पूजा विधि से लेकर सबकुछ जानते हैं।
स्कंद देव पूजा विधि
सुबह जल्दी उठें और पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें। व्रत का संकल्प लें और मंदिर को साफ करें। एक वेदी पर भगवान के भगवान कार्तिकेय की तस्वीर स्थापित करें। उन्हें गंगाजल, पंचामृत और शुद्ध जल से स्नान करवाएं। सफेद व गोपी चंदन का तिलक लगाएं। फूलों की माला अर्पित करें। देसी घी का दीया जलाएं। ऋतु फल और घर पर बने प्रसाद का भोग लगाएं। स्कंद भगवान के वैदिक मंत्रों का जाप करें। स्कंद देव की जन्म कथा का पाठ करें। आरती से पूजा का समापन करें। व्रत का पारण प्रसाद से अगले दिन करें।
स्कन्द षष्ठी शुभ मुहूर्त
शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि का समापन आज यानी 05 जनवरी को रात 08 बजकर 15 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए 05 जनवरी, 2025 यानी आज स्कंद षष्ठी मनाई जा रही है। इस दिन विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 11 मिनट से 02 बजकर 52 मिनट तक रहेगा।
गोधूलि मुहूर्त शाम 05 बजकर 36 मिनट से 06 बजकर 03 मिनट तक रहेगा। वहीं, निशिता मुहूर्त रात्रि 12 बजे से 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।
स्कंद पूजा मंत्र
1. ॐ तत्पुरुषाय विधमहे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात।।
2. देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव। कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥