Vastu Dosh वास्तु दोष: कभी-कभी खून की जांच एवं मेडिकल संबंधित सभी प्रकार के टेस्ट अथवा जांच आदि कराने के बाद भी सब कुछ नॉर्मल आता है, परन्तु तब भी शरीर में बीमारी बनी रहती है। बीमारी का कारण समझ में नहीं आता है, ऐसे में आजकल डॉक्टर भी दवा के साथ दुआ, अच्छे कर्म, सकारात्मक सोच की सलाह मरीज को देते हैं ताकि बीमार व्यक्ति शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सके। ancient time से चिकित्सा जगत में यह कहा जाता है कि डॉक्टर इलाज करते हैं, मरहम-पट्टी करते हैं और भगवान स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। स्वास्थ लाभ के लिए मरीज की ग्रह दशा के साथ वास्तु का भी ध्यान चाहिए। ग्रह दशा के लिए उपाय करने से एवं वास्तुदोष दूर करने से दवा बहुत जल्द असर करती है जिसके काराण रोग, शोक, बीमारियां, घर-परिवार से दूर रहती रखना
हैं। आइए जानें स्वस्थ जीवनशैली के लिए किस प्रकार का वास्तु होना चाहिए . . .
-ऐसा देखा गया है, अक्सर लोग बिस्तर के गद्दे के नीचे लोग जरूरी कागजात, रूपए-पैसे रख देते हैं, जो वास्तु सम्मत नहीं है। बिस्तर के गद्दों के नीचे कोई भी कागज, दवा का पर्चा, दवा, कपड़ा, रूपया-पैसा न रखें, नहीं तो जिस तरफ रखेंगे, उसी तरफ के शरीर के अंगों में तकलीफ होने लगेगी।
-वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर की दीवारों का उखड़ा हुआ प्लास्टर अशुभ उर्जा का संचार करता है, अगर घर की दीवारों में दरारे हैं, तो ग्रहदशा निर्बल होने पर घर के सदस्यों को जोड़ों में दर्द, गठिया, साइटिका, पीठ का दर्द आदि की समस्या हो सकती है। इन दरारों को प्लास्टर करवा करके बंद करा दें। जब तक प्लास्टर नहीं करा पा रहे हैं, उस पर झरने अथवा पहाड़ी का पोस्टर दिशानुसार लगा दें।
-स्वास्थ्य सुख के लिए सुबह की सूर्य की किरणें आपके कमरे की पूर्व दिशा से आनी चाहिए। अगर ऐसा संभव नहीं हो, तो पूर्वी दीवार पर बागुआ गणपति की तस्वीर लगा दें।
-अगर घर के अधिकांश सदस्यों को स्वास्थ कष्ट है तो, तो मकान तथा भूखंड के बीच के स्थान, ब्रह्मस्थान, में कोई स्टोर, लोहे का सामान या जाल, अथवा फालतू सामान नहीं रखें। घर की उत्तर-पूर्व दिशा में बागुआ गणपति लगाऐं, घर में टूटी कुर्सी, पलंग, शीशा आदि न रखें।
-वास्तुशास्त्र के अनुसार बीम के नीचे बैठना, सोना, पढ़ना अत्यधिक मानसिक दबाव और चिड़चिड़ापन देता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होता है।
-अगर सिर दर्द की शिकायत रहती है तो बिस्तर पर सफेद चादर बिछाएं। नहाने के पानी में नींबू की कुछ बूंदें डाल कर नहाऐं अथवा अपने ग्रहदशा के अनुसार प्रत्येक ग्रह से संबंधित औषधि स्नान करें।
-उत्तर-पूर्व का कोना काफी Sensitive होता है, स्वास्थ्य सुख और लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इसे साफ-सुथरा, स्वच्छ रखने का हमेशा प्रयास करना चहिए। ईशानकोण वास्तुदोष रहित रहने से धन का अपव्यय दवाइयों पर नहीं होता है।
-अगर घर के सदस्यों में मानसिक शांति का अभाव है, तो कमरों की पूर्व और उत्तर दिशा से पश्चिम और दक्षिण को भारी कर दें। पश्चिम तथा दक्षिण दिशाा की ओर अलमारी, ट्रंक या पलंग रख दें। इसके अलावा मंगलवार या शनिवार की रात को एक चम्मच समुद्री नमक लेकर अपने घर के हर एक कमरे में छिड़काव कर दें तथा अगले दिन सुबह झाड़ू से साफ कर दें, इससे मानसिक शांति प्राप्त होगी।
-मकान के उत्तर-पूर्व के भाग में नंगे पांव धीमी गति से चले, इससे स्वास्थ्य लाभ धीरे-धीरे होने लगता है।