Ratha Saptami ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन रथ सप्तमी को खास बताया गया है इसे माघ सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है इस दिन पूजा पाठ और स्नान दान करना उत्तम होता है। पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी का पर्व मनाया जाता है।
इस दिन भक्त भगवान सूर्यदेव को जल अर्पित कर उनकी विधिवत पूजा करते हैं। सभी सप्तमियों में रथ सप्तमी सबसे श्रेष्ठ होती है। इस दिन सूर्यदेव का अवतरण हुआ था। मान्यता है कि रथ सप्तमी के दिन पूजा पाठ करने से करियर कारोबार में तरक्की मिलती है। इस बार सूर्य सप्तमी का पर्व 4 फरवरी यानी कल मनाया जाएगा। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा सूर्य पूजा का शुभ मुहूर्त और मंत्र के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
रथ सप्तमी की तारीख और मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत सोमवार 4 फरवरी को सुबह 4 बजकर 37 मिनट पर हो रही है और इस तिथि का समापन 5 फरवरी को रात 2 बजकर 30 मिनट पर हो जाएगा। वही उदया तिथि के अनुसार रथ सप्तमी का पर्व 4 फरवरी दिन मंगलवार को मनाया जाएगा।
पंचांग के अनुसार रथ सप्तमी पर स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 23 मिनट से लेकर 7 बजकर 8 मिनट तक रहेगा। इस दौरान लोग स्नान करके भगवान सूर्यदेव को जल अर्पित कर उनकी विधिवत पूजा करें।
भगवान सूर्यदेव के मंत्र—
ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः ।
ॐ सूर्याय नम: ।
ॐ घृणि सूर्याय नम: ।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
ऊँ आदित्याय विदमहे प्रभाकराय धीमहितन्न: सूर्य प्रचोदयात्।।
ऊँ सप्ततुरंगाय विद्महे सहस्त्रकिरणाय धीमहि तन्नो रवि: प्रचोदयात्।।
गायत्री मंत्र
सूर्य सहस्रनाम
आदित्यहृदयम्
सूर्याष्टकम