Krishan Leela: कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म , जाने कथा

Update: 2025-02-09 06:00 GMT
Krishan Leela ज्योतिष न्यूज़ : पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब कंस को पता चला कि उसकी मृत्यु उसकी बहन देवकी की आठवीं संतान के हाथों होगी तो उसने अपनी प्रिय बहन को कारागार में डाल दिया। पहले तो उसने अपने बच्चों को जीवित रखने का विचार किया था क्योंकि भविष्यवाणी के अनुसार उसे आठवें बच्चे से ही खतरा था लेकिन नारद मुनि ने उसके मन में यह बात डाल दी थी कि या तो पहला बच्चा या फिर आठवां बच्चा कंस की मृत्यु का कारण बन सकता है। इसलिए कंस ने देवकी के सभी बच्चों को मारने का निर्णय लिया और उसने छह बच्चों को भी बेरहमी से मार डाला। लेकिन जब बलराम गर्भ में आये, उस समय नियति ने कुछ और ही
तय कर रखा था।
भगवान बलराम शेषनाग के अवतार थे और उन्हें श्री कृष्ण के सहयोगी के रूप में जन्म लेना पड़ा। इसलिए श्री कृष्ण के बड़े भाई के रूप में उनका जन्म एक अद्भुत और दिव्य घटना थी। उनके जन्म की कथा श्रीमद्भागवत महापुराण, हरिवंश पुराण तथा अन्य ग्रंथों में वर्णित है। कथा के अनुसार देवकी के पति वसुदेव जी की दो पत्नियाँ थीं- देवकी और रोहिणी। कंस के भय से भगवान विष्णु की योगमाया शक्ति ने देवकी के सातवें गर्भ को अदृश्य कर दिया और उसे रोहिणी के गर्भ में स्थानांतरित कर दिया। इसलिए बलराम जी को संकर्षण अवतार भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है "गर्भ का स्थानांतरण"।
माता रोहिणी गोकुल में नन्द बाबा के साथ रहती थीं। बलराम जी का जन्म रोहिणी के गर्भ से हुआ था। बलराम अपने छोटे भाई कृष्ण के साथ अपने पालक माता-पिता नंद और उनकी पत्नी यशोदा के घर में बड़े हुए। बलराम जी का रंग गोरा था, इसलिए उन्हें 'बलभद्र', 'बलदाऊ' और 'दाऊ जी' के नाम से भी जाना जाता है। बलराम जी के नाम में ही "शक्ति" है क्योंकि वे अत्यंत शक्तिशाली थे। वे हल चलाते थे, इसलिए उन्हें "हलधर" कहा जाता है। उन्होंने कृष्ण के साथ मिलकर कंस का नाश किया और धर्म की स्थापना में सहायता की। बलराम जी ने महाभारत में युद्ध नहीं किया, बल्कि तटस्थ रहकर धर्म का पालन किया। उन्हें कृषि, शक्ति और धर्म का रक्षक माना जाता है। बलराम के सात भाई और एक बहन थीं, सुभद्रा, चित्रा। बलराम का विवाह रेवत की पुत्री रेवती से हुआ था। कहा जाता है कि रेवती 21 हाथ लंबी थी और बलभद्र जी ने उसे हल से खींचकर छोटा कर दिया था।
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