Tilak: जाने माथे पर लगाये जाने वाले तिलक के वैज्ञानिक फायदे

Update: 2024-08-04 03:50 GMT
Scientific reason behind Tilak: हिन्दू धर्म में माथे पर तिलक लगाने का खास महत्व है। पूजा-पाठ या किसी भी शुभ कार्य से पहले तिलक लगाने की परंपरा है जिससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है। तिलक लगाने की परंपरा सनातन धर्म में बरसों से चली आ रही है। कोई कुमकुम का तिलक लगाता है, कोई चंदन का तो कोई हल्दी का।सामान्य रूप से तिलक माथे के बीचों-बीच दोनों भवों के मध्य में लगाया जाता है। हालांकि, तिलक कान पर और गले के पास भी लगाया जाता है,
लेकिन
यहां हम माथे पर तिलक लगाने के महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जान लेते हैं कि माथे पर तिलक लगाने का क्या महत्व है और क्यों तिलक लगाना शुभ माना जाता है।
तिलक लगाने के फायदे
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माथे पर जिस स्थान पर Tilak लगाया जाता है उसे आज्ञा चक्र कहा जाता है जिसे मनुष्य की चेतना का केंद्र भी कहा जाता है। तिलक लगाने से आज्ञा चक्र जागृत होता है जिससे जातक को भाग्य का साथ मिलने लगता है। माथे पर तिलक लगाने से मानसिक एकाग्रता भी बढ़ती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इससे मन को शांति मिलती है तथा दिमाग भी शांत रहता है। इतना ही नहीं तिलक लगाने से ग्रह दोषों से भी मुक्ति मिलती है और शुभ परिणाम जातक को मिलने लगते हैं।
चंदन का तिलक लगाने के फायदे
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार माथे पर लाल, पीले तथा सफेद रंग के चंदन का तिलक लगाया जा सकता है। माथे पर लाल चंदन से तिलक लगाने से जातक की जन्म कुंडली में सूर्य ग्रह मज़बूत होता है। सूर्य यश, मान और प्रतिष्ठा का कारक है। जब भी लाल चंदन का तिलक लगाएं तो अनामिका उंगली का इस्तेमाल करें। इससे जातक को मान-सम्मान की प्राप्ति होती है तथा तेज बढ़ता है। वहीं, सफेद चंदन का तिलक लगाने से मन शांत रहता है। सोमवार के दिन सफेद चंदन का तिलक लगाना चाहिए।
हल्दी या पीले चंदन का तिलक
हल्दी का संबंध भगवान विष्णु और गणेश जी से माना जाता है। गुरूवार को हल्दी या पीले चंदन का तिलक लगाने से गुरू ग्रह की स्थिति मजबूत होती है। साथ ही भगवान श्री हरि और गणेश जी की कृपा जातक को मिलती है। हल्दी का तिलक माथे के अलावा गले पर भी लगाया जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार माथे पर हल्दी का तिलक लगाने से जातक की धन संबंधी परेशानियां दूर होती है, कार्यों में सफलता मिलती है, नकारात्मकता का नाश होता है, सभी रोग-शोक दूर होते हैं तथा सभी संकटों से छुटकारा मिलता है।
कुमकुम का तिलक
कुमकुम का रंग लाल होता है जो शक्ति, उत्साह और साहस का प्रतीक है। माथे पर कुमकुम का तिलक लगाने से जातक ऊर्जावान महसूस करता है तथा शरीर में खुशी का संचार होता है। मंगलवार और शुक्रवार के दिन कुमकुम का तिलक लगाना चाहिए इससे जातक को हनुमान जी, मां लक्ष्मी और मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। मंगलवार को हनुमान जी को लाल सिंदूर चढ़ाने से जातक को उनकी विशेष कृपा मिलती है। इस दिन आप चमेली के तेल में सिंदूर घोलकर माथे पर लगा सकते हैं। यह बहुत शुभ माना जाता है।
किस उंगली से लगाएं तिलक
शास्त्रों में अलग-अलग उंगली से तिलक लगाने के महत्व भी अलग-अलग बताए गये हैं। Skandapuran के अनुसार अनामिका या रिंग फिंगर से तिलक करने से शांति मिलती है, जबकि मध्यमा या मिडिल फिंगर से तिलक करने से आयु बढ़ती है। वहीं,अंगूठे से तिलक लगाने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है और तर्जनी से तिलक करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार कनिष्ठा या छोटी उंगली से तिलक लगाने पर बुध ग्रह मज़बूत होता है। बुध ग्रह को वाकपटुता, बुद्धि और याददाश्त का कारक ग्रह माना जाता है।
तिलक लगाने के पीछे साइंस
वैज्ञानिकों के अनुसार तिलक लगाने से व्यक्ति की सोच सकारात्मक होती है। इसे लगाने से शरीर में सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्त्राव होता है जिससे मन को खुशी मिलती है और उदासी खत्म हो जाती है। तिलक लगाने से सिरदर्द में भी आराम मिलता है। माथे की मध्य में जहां तिलक लगाया जाता है वहां आज्ञाचक्र होता है। यही स्थान पीनियल ग्लैंड का भी होता है। इस स्थान पर तिलक लगाने से यह ग्लैंड स्टिमुलेट होती है जिससे शरीर के कई छोटे-छोटे एलिमेंट जागृत होते हैं। इससे दिमाग शांत होने के साथ-साथ एकाग्रता बढ़ती है और गुस्सा व तनाव भी कम होता है।
Tags:    

Similar News

-->