Narak Chaturdashi 2020: क्यों मनाई जाती है नरक चतुर्दशी, जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा

नरक चतुर्दशी का त्योहार हर साल कार्तिक कृष्ण चतुदर्शी को यानी दीपावली के एक दिन पहले मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 14 नवंबर, शनिवार को मनाया जाएगा।

Update: 2020-11-01 12:20 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| नरक चतुर्दशी का त्योहार हर साल कार्तिक कृष्ण चतुदर्शी को यानी दीपावली के एक दिन पहले मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 14 नवंबर, शनिवार को मनाया जाएगा। इस चतुर्दशी तिथि को छोटी दीपावाली के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन प्रातः काल स्नान करके यम तर्पण एवं शाम के समय दीप दान का बड़ा महत्व है।

धार्मिक कथाओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि को नरकासुर नाम के असुर का वध किया। नरकासुर ने 16 हजार कन्याओं को बंदी बना रखा था। नरकासुर का वध करके श्री कृष्ण ने कन्याओं को बंधन मुक्त करवाया। इन कन्याओं ने श्री कृष्ण से कहा कि समाज उन्हें स्वीकार नहीं करेगा अतः आप ही कोई उपाय करें।

समाज में इन कन्याओं को सम्मान दिलाने के लिए सत्यभामा के सहयोग से श्री कृष्ण ने इन सभी कन्याओं से विवाह कर लिया। नरकासुर का वध और 16 हजार कन्याओं के बंधन मुक्त होने के उपलक्ष्य में नरक चतुर्दशी के दिन दीपदान की परंपरा शुरू हुई।

एक अन्य मान्यता के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान करके यमराज की पूजा और संध्या के समय दीप दान करने से नर्क के यतनाओं और अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। इस कारण भी नरक चतु्र्दशी के दिन दीपदान और पूजा का विधान है।


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