मकलोडगंज। चीन अपने घोषित पंचेनलामा को चोरी-छिपे से नेपाल भेजने की फिराक में था। हालांकि चीन की ओर से घोषित किए गए पंचेन लामा का तिब्बत व तिब्बति धर्मगुरु की ओर से कोई मान्यता प्रदान नहीं की गई है। ऐसे में चीन ने तिब्बति धर्मगुरु दलाईलामा की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने की ओर काशिश की है। वहीं इस मामले पर तिब्बतियेन यूथ कांग्रेस टीवाईसी ने चीन की ओच्छी हरकत पर कड़ा आक्रोश जताया है। टीवाईसी ने तिब्बतियों के धार्मिक मामलों में चीन के हस्तक्षेप का कड़ा विरोध करते हुए।
उसे अपनी हदों में रहने की बात कही है। धर्मशाला के मकलोडगंज में तिब्बती युवा कांग्रेस के तिब्बती कार्यकत्र्ता तेनजिन चोके और टीवाईसी के उपाध्यक्ष ताशी थारग्याल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, तिब्बती युवा कांग्रेस चीन द्वारा नियुक्त पंचेन लामा ग्यालत्सेन नोरबू को नेपाल भेजने की चीन की योजना की हालिया खबरों से बेहद चिंतित है। निर्वासन में रहे तिब्बती शरणार्थी चीन की कोशिशों का कड़ा विरोध किया हैं।