भ्रष्टाचार मामले में 11 अफसरों पर होगी एफआइआर, 10 अधिकारी गिरफ्तार

जानें पूरा मामला।

Update: 2022-03-13 03:24 GMT

नई दिल्ली: हरियाणा (Haryana) राज्य विजिलेंस ब्यूरो (Vigilance Bureau) ने फरवरी में चार मामलों में जांच करने के बाद चार गजेटेड ऑफिसर (Gazetted officers), सात नॉन गजेटेड ऑफिसर, सात अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने की सिफारिश की है. इसी के साथ विजिलेंस ब्यूरो ने दो अलग मामलों में दो गजेटेड अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई (Departmental Action) के सिफारिश भी की है. ये जानकारी एक विजिलेंस अधिकारी ने दी है. विजिलेंस ब्यूरो के आधिकारिक प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि ब्यूरो ने फरवरी में 1 हजार से 1लाख 40 हजार रुपये की रिश्वत लेने के अलग-अलग मामलों में एक गजेटेड अधिकारी के साथ 10 सरकारी अफसरों को गिरफ्तार किया है.

ब्यूरो के प्रवक्ता ने आगे बताया कि इसी के साथ शिकायत के आधार पर दो अन्य सरकारी ऑफिसरों के खिलाफ भष्ट्राचार निरोधक कानून के तहत केस दर्ज किया गया है. प्रवक्ता ने बताया कि फरीदाबाद नगर निगम में पदस्थापित अधीक्षण अभियंता रवि शर्मा और लेखापाल रविशंकर दोनों को 1 लाख 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया. जबकि निरीक्षक राजबीर सिंह, फरीदाबाद के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के वेट एवं मेजरमेंट सेक्शन में पदस्थापित हैं. फरीदाबाद में उन्हें 60 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था.
प्रवक्ता ने आगे बताया कि इसी तरह पलवल जिला केंद्रीय सहकार बैंक के शाखा प्रबंधक उजेंद्र सिंह को 25 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है. वहीं फरीदाबाद में तैनात दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के लाइनमैन मान सिंह को 26 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए और हरियाणा रोडवेज, जींद में नजर ब्रांच के श्री भगवान को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेने हुए गिरफ्तार किया गया.
इसी प्रकार कैथल के चीका थाने के एसएचओ पद पर तैनात इंस्पेक्टर जयवीर और पलवल डीएचबीवीएन में सहायक लाइनमैन हरिओम को पांच-पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया. सेंट्रल फरीदाबाद में तैनत सब इंस्पेक्टर जय चंद को 10 हजार और गुरुग्राम नगर निगम में सर्वेयर अंशु पराशर को 2 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया.
विजिलेंस ब्यूरो ने फरवरी में तीन विशेष जांच, तकनीकी जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी थी. इसमें तीन गजेटेड ऑफिसर, दो नॉन गजेटेड ऑफिसर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई और संबंधित एजेंसी से 16 लाख 84 हजार रुपये से अधिक वसूली की सिफारिश की गई थी.

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