हल्द्वानी न्यूज़: उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती और राजस्थान के सुराणा गांव में दलित छात्रों की पिटाई, हत्या के विरोध में परिवर्तनकामी छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को बुद्ध पार्क में जातिवादी मानसिकता का पुतला दहन किया। इस दौरान पछास के महेश चंद्र ने कहा कि राजस्थान के सुराणा गांव में सरस्वती विद्या मंदिर में कक्षा तीन में पढ़ने वाले 9 वर्षीय छात्र की 20 जुलाई को मटके से पानी पीने पर शिक्षक ने पिटाई कर दी। 13 अगस्त को गुजरात के अस्पताल में छात्र की मौत हो गई। इसी तरह उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में आठ अगस्त को 250 रुपये फीस नहीं चुका पाने पर पंडित ब्रह्म दत्त उत्तर माध्यमिक विद्यालय चैलाही सिरसिया में पढ़ने वाले 13 वर्षीय छात्र की शिक्षक द्वारा पिटाई से मेडिकल कॉलेज बहराइच में 17 अगस्त को मौत हो गई। उन्होंने कहा कि आज कल सरकार आज़ादी के अमृत महोत्सव और अमृत काल की बातें कर रही हैं। आजादी के 75 सालों बाद भी आज जाति व्यवस्था का असर इतना ज्यादा है कि दलित छात्रों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है।
क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन (क्रालोस) के मुकेश भंडारी ने कहा कि राजस्थान और श्रावस्ती में गरीब छात्रों की मौत आज भी मौजूद जातीय उत्पीड़न का एक उदाहरण है। अपराधी अध्यापक की गिरफ्तारी, मुआवजे आदि बातों के बीच जातिवादी उत्पीड़न आज तक क्यों बरकरार है, यह सवाल अब तक खड़ा है। पछास के चन्दन ने कहा कि ऐसी कितनी ही घटनाएं रोज हमें देखने-सुनने को मिलती रहती हैं, जिनमें सवर्ण मानसिकता से ग्रसित लोग दलित जातियों के लोगों के साथ अत्याचार करते हैं। उस पर शासन में बैठे लोग इन घटनाओं को रोकने के बजाय केवल लफ्फाजी करते हैं। इस मौके पर विपिन चन्द्र, शाहजेब, क्रालोस से रियासत, रईस, समता सैनिक दल जिलाध्यक्ष जगदीश चन्द्र (जीतू) आदि मौजूद रहे।