Inquilabi Naujawan Sabha ने 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज की निंदा की

Update: 2024-09-02 11:27 GMT

Lucknow लखनऊ: इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर 69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों के प्रदर्शन पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की और कहा कि दमन के दम पर वंचित तबको की आवाज को नहीं दबाया जा सकता. लखनऊ में जारी आंदोलन का समर्थन करते हुए आरवाईए के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य ने कहा कि भाजपा सरकार लगातार वंचित तबके पर हमलावर है और नौकरियों के साथ-साथ आरक्षण को पूरी तरह से खत्म कर देने पर आमादा है। 69000 शिक्षक भर्ती में जनरल अभ्यर्थियों की अंतिम कटऑफ 67.11, ओबीसी वर्ग की कटऑफ 66.73, अनुसूचित जाति वर्ग की कटऑफ 61.01 और अनुसूचित जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों की कटऑफ 56.09 तक गई। जनरल और obc की कटऑफ में सिर्फ 0.38 अंक का अंतर रहा। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि 18,988 पदों पर आरक्षण घोटाला हुआ है। ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी की जगह सिर्फ 3.86 फीसदी आरक्षण मिला। अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग को 21 फीसदी की जगह 16.2 फीसदी आरक्षण मिला।

आरक्षण घोटाले के खिलाफ 16 अगस्त 2024 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ की डबल बेंच ने फैसला दिया . जिसमें बेसिक शिक्षा विभाग को 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती की 3 महीने में नई चयन सूची जारी करने का आदेश दिया। डबल बेंच ने आरक्षण नियमावली 1994 की धारा 3 (6) और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 का पालन करने का सरकार को आदेश दिया है। सामान्य सीट पर अगर आरक्षित वर्ग का मेरीटोरियस कैंडिडेट सामान्य वर्ग के बराबर अंक पाता है, तो उसको सामान्य वर्ग में रखा जाएगा। बाकी की 27% सीटों को OBC और 21% को SC से भरा जाएगा। कोर्ट ने आदेश दिया कि पुरानी चयन सूची के आधार पर वर्तमान में जो अध्यापक काम कर रहे हैं, वे अध्यापक नई चयन सूची आने के बाद बाहर होंगे। वे वर्तमान शैक्षिक सत्र तक पद पर कार्य करते रहेगे.
उन्होनें कहा कि दौरान हुए आरक्षण घोटाले में नुकसान का आकलन किया जाए तो यह लगभग 5000 करोड़ रुपए यानि 55000 हजार रुपए प्रतिमाह की दर से लगभग 19000 अभ्यर्थियों को 48 महीने का वेतन, बाकी मानसिक शारीरिक उत्पीड़न की भरपाई कैसे होगी, इसका जवाब कौन देगा।
आरवाईए के प्रदेश सह सचिव राजीव गुप्ता ने 69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाला पर हाईकोर्ट के फैसले को शीघ्र लागू करने,दोषियों को सजा देने, आरक्षण घोटाले से हुए लगभग ₹5000 करोड़ नुकसान की भरपाई करने, इस घोटाले के जिम्मेवार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की. इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) ने आरक्षण घोटाले के खिलाफ लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर बर्बर दमन के खिलाफ 04 सितंबर को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन करने का आवाहन किया.
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