निगम को लाखों रुपये की चपत, प्रॉपर्टी डीलर के फायदे के लिए शिफ्ट की हाई टेंशन लाइन
बिजली अभियंताओं ने नियमों को ताक पर रखकर सहजनवा, गीडा और रहीमाबाद क्षेत्र में तीन स्थानों पर बिना इस्टीमेट पैकेज के 33 केवी व 11 केवी की लाइन शिफ्ट कर निगम को लाखों रुपये की चपत लगाई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिजली अभियंताओं ने नियमों को ताक पर रखकर सहजनवा, गीडा और रहीमाबाद क्षेत्र में तीन स्थानों पर बिना इस्टीमेट पैकेज के 33 केवी व 11 केवी की लाइन शिफ्ट कर निगम को लाखों रुपये की चपत लगाई है। शिकायत मिलने पर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी ने मामले की जांच के लिए दो अभियंताओं की कमेटी बनाकर गोपनीय जांच शुरु करा दी है। इस टीम के सदस्य दो दिन पहले मौके की जांच कर स्थानीय अधिकारियों से दस्तावेज मांगे। टीम की ओर से शिफ्टिंग का दस्तावेज मांगने से ग्रामीण वितरण खंड द्वितीय में हड़कंप मचा हुआ है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक 33 और 11 केवी की लाइन बिना उच्चाधिकारियों की मिलीभगत के नहीं शिफ्ट हो सकती है।
दरअसल सहजनवां क्षेत्र के एक जागरुक उपभोक्ता ने बिना इस्टीमेट और पैकेज के गीडा सेक्टर-15, सहजनवा थाने के सामने और मगहर के रहीमाबाद हरिजन बस्ती में 33 केवी व 11 केवी की लाइन शिफ्टिंग कार्य का वीडियों बनाया। कुछ माह पहले उसने पूर्वांचल एमडी के वाट्सएप नम्बर पर वीडीयो भेजकर प्रकरण की जांच कराने की मांग की। एमडी ने 15 जून को प्रकरण की जांच के लिए दो अभियंताओं की कमेटी बनाकर जिम्मेदारी सौपी। इसी बीच सहजनवा क्षेत्र के सेमरा गांव के बृजेश सिंह ने चेयरमैन को शिकायती पत्र भेजकर जेई ई. दीपक गुप्ता, लाइनमैन रंजीत उपाध्याय और एसडीओ पर 25 हजार रुपये सुविधा शुल्क लेने के बाद भी कामर्शियल कनेक्शन नहीं जोड़ने की शिकायत की।
इस पर चेयरमैन ने सीई से मामले में रिपोर्ट मांगी। चेयरमैन के निर्देश पर एसडीओ और एक्सईएन ने पीड़ित के घर पहुंच कर खुद केबल लगाकर कनेक्शन जोड़ दिया। इसस मामलें में एक्सईएन ने लाइनमैन रंजीत और चेयरमैन ने जेई दीपक गुप्ता के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की। कार्रवाई के दूसरे दिन ही अवैध लाइन शिफ्टिंग और ट्रांसफार्मर की जांच करने के लिए पावर कारपोरेशन की एक गोपनीय टीम ने मौके का जायजा लिया।
दो दिन पहले एमडी की टीम के सदस्य विद्युत माध्यमिक कार्यमण्डल वाराणसी के एसई ई. शंकर शाही और एक्सईएन ई.सेवाराम ने भी सहजनवा व गीडा क्षेत्र में अवैध लाइन शिफ्टिंग की जांच की। आस-पास के लोगों के पूछताछ की। उसके बाद टीम के सदस्यों ने स्थानीय अभियंताओं को लाइन शिफ्टिंग से जुड़े कागजात उपलब्ध कराने को कहा। इतना सुनते ही एसई के निर्देश पर ग्रामीण वितरण खंड द्वितीय के कार्यालय में पुरानी फाइल तलाश की जाने लगी। बताया जा रहा है कि एक लाइन शिफ्टिंग का रकम विभाग में जमा हुआ है। दो स्थानों पर शिफ्टिंग का पैसा निगम में जमा नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक खंड के जिम्मेदारों मौन सहमति से दो अवर अभियंताओं व एसडीओ ने प्लाटिंग करने वालों से मिलीभगत कर बिना इस्टीमेंट व पैकेज के लाइन शिफ्ट करा दी। इसके एवज में मिले रकम को निगम के खाते में जमा करने की बजाए अभियंताओं ने अपनी झोली भर ली। सूत्रों का कहना है कि 33 व 11 केवी की लाइन शिफ्ट करने में दो से तीन घंटे का समय लगता है। ऐसे में बिना एसडीओ व एक्सईएन की मिलीभगत के दो से तीन घंटे तक फीडर बंद नहीं किया जा सकता है। वितरण खंड के एक्सईएन ई. सोमदत्त शर्मा कहते हैं कि एक लाइन के शिफ्टिंग के कागजात खंड में उपलब्ध है, दूसरे कागजात की तलाश की जा रही है।
इन स्थानों पर शिफ्ट हुई लाइन
- गीडा सेक्टर -15 स्थित मुस्कान फ्लावर मिल के बगल में 11 केवी लाइन शिफ्टिंग हुई
- 33 केवी बिजली घर की लाइन सहजनवा थाने के सामने से शिफ्टिंग हुई
- 33 केवी सहजनवा बिजली घर से निकले मगहर उत्तर फीडर की लाइन रहीमाबाद हरिजन बस्ती में शिफ्टिंग हुई