Buxar: ठगी की कॉल करने वाले 1500 स्काइप आईडी की पहचान हुई

जांच एजेंसियों ने अब तक 1500 से अधिक सक्रिय स्काइप आईडी और नंबरों की पहचान की है.

Update: 2024-06-07 04:52 GMT

बक्सर: बिहार न्यूज़ डेस्क आजकल ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं, जहां डिजिटल गिरफ्तारी के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा है. इस तरह के मामलों को अंजाम देने के लिए फर्जी विदेशी कॉल या इंटरनेट आधारित आईडी का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें भारतीय नंबर प्रदर्शित होते हैं. इससे आम लोग आसानी से जालसाजों का शिकार बन जाते हैं. जांच एजेंसियों ने अब तक 1500 से अधिक सक्रिय स्काइप आईडी और नंबरों की पहचान की है. इन्हें प्रतिबंधित सूची में डाला जाएगा.

बताया जा रहा है कि भारत के बाहर से आने वाली फर्जी फोन कॉल को रोकने के लिए इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर दूरसंचार विभाग के साथ मिलकर काम कर रहा है. जांच में यह पता लगा है कि साइबर अपराधी कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी (सीएलआई) में हेरफेर करके इस तरह की कॉल कर रहे हैं. सीएलआई एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके द्वारा किसी व्यक्ति को की जाने वाली कॉल को उसके मूल नंबर से पहचाना जा सकता है. कुछ मामलों में उस नंबर से जुड़े व्यक्ति या संगठन को भी पहचाना जा सकता है. जालसाज तकनीक का इस्तेमाल कर इसमें बदलाव कर देते हैं, ताकि कॉल प्राप्त करने वाले व्यक्ति को लगे कि फोन भारत के किसी हिस्से से ही किया गया है. इसके अलावा इंटरनेट आधारित फोन आईडी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. सरकार ऐसे धोखेबाजों के सिम कार्ड, मोबाइल और मूल खातों को बंद कर रही है.

यहां कर सकते हैं शिकायत: दूरसंचार विभाग ने लोगों से चक्षु पोर्टल पर धोखाधड़ी वाले फोन नंबर, व्हाट्सएप पहचान या यूआरएल की रिपोर्ट करने का आग्रह किया. रिपोर्ट करते ही पुलिस और बैंक जैसी एजेंसियां सक्रिय हो जाएंगी और कुछ घंटों में कार्रवाई की जा सकती है. चक्षु पोर्टल पर जानकारी देने पर उसकी पूरी पड़ताल की जाएगी और उस नंबर को ब्लाक किया जाएगा.

डिजिटल गिरफ्तारी का डर: जालसाज पीड़ित पर मुकदमा होने और फिर समझौता करने के लिए पैसे मांगते हैं. जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, तब तक वे स्काइप या अन्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जारी रखते हैं. पीड़ित को बताया जाता है कि उसकी डिजिटल गिरफ्तारी हुई है. रकम ऐंठने के लिए अंतरराष्ट्रीय फंड ट्रांसफर, सोना, क्रिप्टोकरेंसी जैसे माध्यम का इस्तेमाल किया जाता है.

ऐसे फंसाते हैं पीड़ितों को अपने जाल में: मामले से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि पीड़ित को एक भारतीय नंबर से सामान्य कॉल की जाती है. जालसाज कॉल स्पूफिंग का इस्तेमाल कर खुद को सीबीआई, आरबीआई, एनआईए या बैंक कर्मचारी बताकर कॉल करते हैं. वे पीड़ित को बताते हैं कि उनके नाम से पार्सल आया है, जिसमें अवैध सामान, ड्रग्स, नकली पासपोर्ट जैसा सामान है. या पीड़ित का कोई करीबी किसी अपराध में शामिल पाया गया है और उनकी हिरासत में है.

● संचार साथी के पोर्टल (https//sancharsaathi.gov.in) पर जाएं. होमपेज पर नीचे की ओर सिटीजन सर्विस विकल्प में Report Suspected Fraud Communication CHAKSHU पर क्लिक करें.

● फिर कंटीन्यू का बटन दबाएं. इससे चक्षु मंच खुल जाएगा. सबसे पहले आपको Call/SMS/ WhatsApp में से जिस माध्यम से संपर्क किया जा रहा है, उसे बताना होगा.

● Select Suspected Fraud Category में किस श्रेणी में धोखाधड़ी की कोशिश की जा रही है उसे बताएं. इसके बाद प्रमाण के लिए स्क्रीनशॉट अटैच करें.

● आने वाले कॉल/मैसेज की तिथि और समय बताएं. फिर शिकायत को 500 शब्दों में दर्ज करें.

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