CM गहलोत ने कहा- राजस्थान की तर्ज पर केंद्र में प्रधानमंत्री लागू करें ओपीएस
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि संवेदनशील
जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन हमारी सरकार का मूल मंत्र है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कार्मिकों के लिए मानवीय दृष्टिकोण के आधार पर फैसला लेकर ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) फिर से लागू की है और उनके हितों के लिए आगे भी फैसले लेते रहेंगे. ओपीएस के जैसे ऐतिहासिक फैसले से कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा मिल सकेगी. इसकी देशभर में चर्चा हो रही है, अब राजस्थान की तर्ज पर केन्द्र में प्रधानमंत्री को भी ओपीएस (Old pension scheme) लागू करना (CM Gehlot urge PM Modi to implement OPS scheme) चाहिए.
गुड गवर्नेंस साकार हो रहा: सीएम गहलोत शनिवार को राजस्थान राजस्व सेवा परिषद के राज्य स्तरीय सम्मेलन में शामिल हुए. गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार कार्मिकों के हित में देश में सर्वश्रेष्ठ उदाहरण पेश कर रही है. उन्होंने कहा कि अच्छे फैसलों और कार्मिकों के सहयोग से गुड गवर्नेंस साकार हो रहा है. बजट में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, 5 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा, 1.33 करोड़ महिलाओं को स्मार्टफोन और निशुल्क ओपीडी-आईपीडी की ऐतिहासिक घोषणाएं की गई हैं. राज्य सरकार सभी घोषणाओं को धरातल पर उतार रही है. उन्होंने कहा कि राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम से अब दूसरे राज्यों के अस्पताल भी जुड़ने लगे हैं. इससे राज्य के बाहर भी निशुल्क उपचार संभव हो रहा है.
मैं राज्य का प्रथम सेवक : गहलोत ने कहा कि राजस्व सेवा के कार्मिकों से अपेक्षा है कि वे राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को गांव-ढ़ाणी तक पहुंचाएं. आमजन को योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें लाभांवित करें. उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री के रूप में नहीं बल्कि राज्य के प्रथम सेवक के रूप में कार्य कर रहा हूं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान बड़ा राज्य है तो चुनौतियां भी बहुत हैं, लेकिन सभी के सहयोग से आगे बढ़ रहे है. उन्होंने कहा कि कोविड ने सबको जिंदगी जीना सीखा दिया है. कोरोना काल में प्रदेशवासियों के सहयोग से कोविड प्रबंधन में राजस्थान देश में नंबर वन बना. सरकार ने इस संकल्प से काम किया है कि कोई भी भूखा नहीं सोए.वाजपेयी की तारीफ , वसुंधरा पर तंज: गहलोत ने कहा कि कोरोना काल में सभी ने अच्छा काम किया. अकाल का जिक्र का करते हुए उन्होंने कहा कि जब अकाल पड़ा, तब हमने यहां गेहूं और चारे की व्यवस्था की, उस वक्त पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मेरा सहयोग किया. हमने जो मांगा वो दिया, सीएम ने पूर्व मुख्यमंत्री राजे पर तंज कसते हुए कहा कि उस वक्त वसुंधरा राजे ने कहा था कि गहलोत दिल्ली में भीख का कटोरा लिए घूम रहा है. उस वक्त मैनें कहा था कि मेरे कटोरा लेने से अगर प्रदेश की भूख मिट रही है, तो ये मेरा सौभाग्य है.
कांग्रेस खत्म नहीं होगी : गहलोत ने आरएसएस और बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि एक बार राहुल गांधी के सामने आरएसएस और बीजेपी की विचारधारा खत्म करने की बात कही गई, तब राहुल गांधी ने कहा था कि विचाराधारा खत्म नहीं होनी चाहिए. गहलोत ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री गडकरी जैसे आरएसएस और बीजेपी के नेता भी चाहते हैं कि कांग्रेस देश में रहे. गहलोत ने कहा कि देश में कहने वाले खत्म हो जाएंगे, कांग्रेस खत्म नहीं होगी.
बुलडोजर पर फिर निशाना: गहलोत यहीं नहीं रुके उन्होंने करौली में हुई दंगे की घटना पर कहा कि देशभर में जब रामनवमी पर जुलूस यात्रा निकाली गई, उस वक्त में बीजेपी शासित राज्यों में दंगे हुए, जबकि राजस्थान में आपस में भाईचारे के साथ में इस त्यौहार को मनाया. गहलोत ने कहा कि देश में ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसी भी तरह की हिंसा की घटना हुई तो आप उनके घरों पर बुलडोजर चला (CM Gehlot on using bulldozer by UP govt) दें. करौली में भी इसी तरह की घटना हुई, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम जिनके नाम दंगे में आए उनके घर पर बुलडोजर चला दें. कानून व्यवस्था है न्यायपालिका है, जब तक कोई दोषी साबित नहीं हो जाता, तब तक हम उस पर इस तरह से एकतरफा कार्रवाई कैसे कर सकते हैं. गहलोत ने कहा कि हिंदू धर्म की बात आती है तो मेरा भी सीना गर्व से चौड़ा होता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मैं दूसरे धर्म का सम्मान नहीं करूं.
बजट पर कटारिया आए निशाने पर : गहलोत ने बजट क्रियान्वयन को लेकर नेता प्रतिपक्ष बाद में कटारिया को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार ने इतना शानदार बजट पेश किया. हर वर्ग का ध्यान रखा, लेकिन विपक्ष को इस बात की ज्यादा चिंता है कि यह बजट किस तरह से धरातल पर उतरेगा. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया लगातार कह रहे हैं कि यह बजट पूरा होने वाला नहीं है, लेकिन मैं उनसे कहना चाहूंगा कि यह बजट पूरा भी होगा और आम जनता को उसका लाभ भी मिलेगा.
सीएम के कार्यक्रम में बत्ती गुलः राजस्थान राजस्व सेवा परिषद के कार्यक्रम में जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपना भाषण दे रहे थे उसी दौरान अचानक ऑडिटोरियम की लाइट चली गई . हालात यह थे कि कुछ वक्त के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंच पर अंधेरे में खड़े रहे. इस बीच ऑडिटोरियम में मौजूद राजस्व सेवा परिषद के सदस्यों ने मोबाइल की टॉर्च के जरिए उजाला किया. अचानक गई बिजली से वहां पर मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों में भी अफरा-तफरी मच गई. आनन-फानन में वैकल्पिक व्यवस्थाओं के जरिए लाइट जलाई गई. खास बात यह कि जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश में बिजली शिक्षा स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं आम जनता तक पहुंचाने की बात कर रहे थे. उसी वक्त ही यह बिजली की कटौती हुई.