बिल्डिंग बायलॉज में संशोधन: अब राजस्थान में नहीं बन सकेंगी ऊंची इमारतें

मुख्यंमंत्री भजनलाल ने लिया ये बड़ा फ़ैसला

Update: 2024-05-01 06:40 GMT

जयपुर: शहरी कालोनियों में छोटे भूखंड पर बहुत ऊंची इमारत नहीं बनाई जा सकती। इसके लिए बिल्डिंग बायलॉज में संशोधन किया जा रहा है, जिसके बाद ऊंची इमारतों की ऊंचाई 15 मीटर मानी जाएगी, जबकि अभी 18 मीटर और इससे ऊपर का प्रावधान है। यही कारण है कि कॉलोनियों में 750 वर्ग मीटर से कम के भूखंडों पर बहुमंजिला इमारतें बन रही हैं। संशोधन के बाद इन भूखंडों पर 15 मीटर से ऊंची इमारतें नहीं बनाई जाएंगी। इसमें जो प्रावधान लागू होंगे, उन्हें कॉलोनी के प्लॉट धारक पूरा नहीं कर पाएंगे। पिछली कांग्रेस सरकार ने 'मल्टीस्टोरी' की परिभाषा बदल दी थी, जिसे मौजूदा बीजेपी सरकार सही करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए गठित कमेटी ने सरकार को मौखिक अनुशंसा कर दी है. जल्द ही अंतिम बैठक में इस पर मुहर लग जायेगी. हालांकि, कई बिल्डर इसके लिए तैयार नहीं हैं।

यह पिछली सरकार के आदेश का दुष्परिणाम है: जिन कॉलोनियों को मंजूरी दी गई है उनमें प्लॉट और संभावित आबादी के आधार पर पीने का पानी, सीवरेज, जल निकासी, बिजली, सड़क और अन्य सुविधाएं हैं। इन सीमित संसाधनों के बीच बहुमंजिला इमारतों का निर्माण कर लोगों की सुविधाओं का बंटवारा किया जा रहा है। स्थानीय लोगों और बहुमंजिला इमारतों के निवासियों दोनों के लिए सुविधाओं में कमी। उदाहरण के तौर पर कॉलोनी में 100 भूखंडों के आधार पर सुविधाएं विकसित की गई हैं। यह सुविधा सिर्फ 500 से 600 लोगों के लिए है. लेकिन, अगर बहुमंजिला इमारत बनाने की इजाजत दी गई तो यहां लोगों की संख्या 400 बढ़ जाएगी, यानी एक हजार लोग एक ही कॉलोनी में रहेंगे। जबकि सुविधाएं कम लोगों के आधार पर विकसित की गईं। इससे मौजूदा लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. कालोनियों में दो या दो से अधिक भूखंडों को पुनर्व्यवस्थित कर ऊंची इमारतें बनाने का रास्ता अब खुल गया था।

एक मंजिल कम हो जाएगी: ये प्रावधान एक लाख या उससे अधिक आबादी वाले शहरों में लागू हैं। इसके तहत ग्राउंड फ्लोर के अलावा पांच या छह मंजिल तक भवन निर्माण की अनुमति है। जबकि संशोधन के बाद ग्राउंड फ्लोर प्लस चार मंजिल का ही निर्माण किया जा सकेगा। हालाँकि, सड़क की चौड़ाई और प्लॉट क्षेत्र के आधार पर भवन की ऊँचाई की भी अनुमति है।

ये तर्क भी बदलाव का: नेशनल बिल्डिंग कोड में 15 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाली इमारत को हाईराइज बिल्डिंग में शामिल किया गया है। हालाँकि, बिल्डिंग बायलॉज़ में 18 मीटर और उससे अधिक का प्रावधान है। इससे लापरवाही की स्थिति पैदा हो गई है। फायर एनओसी में दिक्कत आ रही है। मल्टीस्टोरी बिल्डिंग की परिभाषा राष्ट्रीय स्तर पर तय है, लेकिन पिछली सरकार ने कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए इसे बदल दिया। इससे कालोनियों में ऊंची इमारतें बन गईं। अगर पुराने प्रावधान बहाल हो जाएं तो शहरवासियों के लिए राहत होगी।

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