बिलासपुर का युवक बांग्लादेश में परिवार सहित फंसा, भारत लौटने मदद की गुहार लगाई

छग

Update: 2024-08-08 03:27 GMT

बिलासपुर Bilaspur। बांग्लादेश में सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण खत्म कर देने के आदेश को लेकर मचे बवाल प्रदर्शन और हिंसा के बीच छत्तीसगढ़ के 600 से अधिक लोग बांग्लादेश में फंस गए हैं। अब प्रदर्शनकारी हिंदुओं को निशाना बनाकर उनके घरों में वह मंदिरों में हमला कर रहे हैं। हिंसा में हुई सैकड़ों मौतों के बीच छत्तीसगढ़ के भी काम करने गए 600 से अधिक लोग बांग्लादेश से फंस गए हैं। लगातार हिंसा की खबरों के बीच परिजन चिंता में है। Bangladesh

बांग्लादेश में चुनाव के हालात के बीच भारत के 19 हजार लोग भी वहां फंसे हुए हैं। सभी भारतीय काम करने के लिए पड़ोसी मुल्क में गए थे और हिंसा शुरू होने पर वहीं फंस गए। छत्तीसगढ़ के लोग भी हिंसा के बीच बंगालदेश के ढांका में फंसे हैं। बिलासपुर के विनोद शर्मा ( परिवर्तित नाम) भी बांग्लादेश के ढाका में फंसे हुए है। विनोद पिछले 4 साल से ढाका के निजी कंपनी में कार्यरत है और परिवार सहित वहीं रहते हैं।

उनकी मां तथा अन्य परिजन बिलासपुर में रहते हैं सुरक्षा संबंधी कारणों के चलते उनकी मां और अन्य परिजनों ने मीडिया से बातचीत करते वक्त पहचान उजागर नहीं करने की गुजारिश की। परिजनों ने बताया कि विनोद और उनकी कंपनी में कार्यरत 600 भारतीय लोग ढाका में फंसे हुए हैं। जो वहां से वापस भारत आने के लिए प्रयासरत है।

विनोद के घर वालों के अनुसार उनकी कंपनी के सभी अधिकारी–कर्मचारी भारत आने के लिए एयरपोर्ट पहुंच गए थे और फ्लाइट कैंसिल होने के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ा। सभी अधिकारी व कर्मचारी वहां सोशल मीडिया पर ग्रुप बना व फोन के माध्यम से लगातार संपर्क में है। तथा एक–दूसरे को हौसला बंधाते हुए दहशत के बीच भारत वापस लौटने के इंतजार में है। विनोद शर्मा के परिजनों के अलावा उनके मित्र भी उनके संपर्क में थे। विनोद शर्मा ने अपने मित्रों को बताया कि अल्पसंख्यकों के घरों व मंदिरों में हमले तथा अल्पसंख्यकों के साथ हिंसा की खबरों के बीच सभी काफी दहशत में है। रविवार को वे लोग भारत आना चाहते थे और एयरपोर्ट भी पहुंच गए थे। पर फ्लाइट बंद होने के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ गया। विनोद शर्मा के अनुसार सड़कों पर लगातार हिंसा व प्रदर्शनकारियो के प्रदर्शन के चलते बाजार और दुकानें बंद है। दैनिक रोजमर्रा की चीजे और राशन– दूध के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ रही हैं। घर में जमा किए हुए राशन से वर्तमान में काम चल जा रहा है। और लंबे समय तक प्रदर्शन हुआ हिंसा नहीं थमने से उनके सामने खाने-पीने तक की मुश्किल उठ खड़ी होगी।


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