सासाराम (आईएएनएस)| बिहार में रोहतास के नासरीगंज इलाके में सोन नदी पर बने पुल के पिलर और दीवार के बीच फंसे 12 साल का रंजन आखिर गुरुवार की शाम जिंदगी की जंग लड़ते - लड़ते हार गया और उसकी मौत हो गई। नासरीगंज के थाना प्रभारी सुधीर कुमार ने कहा कि करीब 26 घंटे एनडीआरएफ और एसडीआरएफ द्वारा चलाए गए रेस्क्यू के बाद फंसे रंजन कुमार को तो बाहर निकाल लिया गया, लेकिन हमलोग उसे बचा नहीं सके। उसकी मौत की खबर सुनते ही पूरे इलाके में मातम पसार गया।
फंसे रंजन को जब निकाला गया तब ही उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी। एंबुलेंस के जरिए उसे इलाज के लिए तत्काल अस्पताल भेज दिया गया, लेकिन रंजन को बचाया नहीं जा सका।
नासरीगंज थाना क्षेत्र में नासरीगंज- दाऊदनगर सोन पुल के पिलर और दीवार के बीच रंजन फंस गया था। करीब दो फुट से भी कम चौड़े दरार में फंस जाने से किशोर का शरीर आंशिक रूप से दिखाई दे रहा था।
खिरीआवं गांव निवासी शत्रुघ्न प्रसाद उर्फ भोला साह का 12 वर्षीय पुत्र रंजन अर्ध विक्षिप्त था तथा घर से तीन दिनों से लापता था।
बताया जाता है कि पिलर पर कबूतर अपना बसेरा बनाए हुए हैं, संभावना जताई जा रही है कि अर्ध विक्षिप्त रंजन कबूतर पकड़ने आया हो, और दरार में गिर गया हो।
एक अधिकारी ने बताया कि दरार एक तरफ से खुली हुई है, जिससे सिलेंडर और पाइप के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा था। गुरुवार को बांस के जरिए उसे खाना भी पहुंचाया गया था।
बुधवार को इसके रोने की आवाज सुनकर गाय चरा रहे लोगों ने इसके फंसे होने की सूचना घर वालों की दी थी। इसके बाद से ही उसे बचाने के लिए ऑपरेशन शुरू किया गया।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन ने रंजन को बचाने की भरपूर कोशिश की लेकिन वह जिंदगी की जंग हार गया।
--आईएएनएस