प्रोटीन से जुड़े इन 5 मिथकों पर भरोसा करना पड़ सकता है भारी,जानें सच्चाई
लाइफस्टाइल : प्रोटीन एक जरूरी पोषक तत्व है, जो शरीर के बेहतर कामकाज में बड़ी भूमिका निभाता है। खानपान की ज्यादातर चीजों जैसे- दूध, दही, मांस, मछली, अंडे, नट्स, सोयाबीन इत्यादि से तो इसकी कमी पूरी होती ही है, लेकिन कई लोग मार्केट में मिलने वाले प्रोटीन पाउडर की मदद से भी शरीर में इसके इनटेक को पूरा करते हैं। खासतौर से वर्कआउट करने वाले लोग, जिन्हें बॉडी बनाने की चाहत होती है। ऐसे में, आइए इस आर्टिकल में आपको प्रोटीन से जुड़े ऐसे 5 मिथक बताते हैं, जिन पर ज्यादातर लोग आंख मूंदकर भरोसा कर रहे हैं और सेहत के साथ हो रहे खिलवाड़ को बढ़ावा दे रहे हैं।
मिथक : शरीर को नहीं होती है एक्स्ट्रा प्रोटीन की जरूरत
फैक्ट : कई लोग मानते हैं कि वे खानपान में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन ले रहे हैं, ऐसे उन्हें एक्स्ट्रा प्रोटीन यानी इससे जुड़े सप्लीमेंट्स लेने की जरूरत नहीं है। ऐसे में आपको बता दें, कि अगर आप रेगुलर एक्सरसाइज कर रहे हैं, तो शरीर को मसल्स के विकास और इनकी मरम्मत के लिए प्रोटीन की ज्यादा जरूरत होती है, इसलिए डेली एक्सरसाइज करने वाले लोग प्रति किलोग्राम वजन के मुताबिक रोजाना 1.2-2 ग्राम प्रोटीन ले सकते हैं। वहीं, जिन लोगों के रूटीन में एक्सरसाइज शामिल नहीं भी है, वे भी रोजाना प्रति किलोग्राम वजन के हिसाब से 0.8 ग्राम प्रोटीन ले सकते हैं।
मिथक : फैट लॉस में असरदार होती है हाई प्रोटीन डाइट
फैक्ट : इस बात में कोई शक नहीं कि सेहत का ख्याल रखते हुए वजन घटाने के लिहाज से प्रोटीन का सेवन फायदेमंद है, लेकिन इसके साथ ही कुछ अन्य फैक्टर भी बड़ी भूमिका निभाते हैं। साथ ही, ज्यादा प्रोटीन लेने से भी इसका बुरा असर आपके लिवर और किडनी पर देखने को मिलने लगता है, ऐसे में बेहतर यही है कि शरीर की जरूरत के हिसाब से ही किसी न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह पर प्रोटीन का सेवन करें।
मिथक : प्रोटीन की कमी पूरी नहीं कर सकती है प्लांट बेस्ड डाइट
फैक्ट : अक्सर लोग मानते हैं, कि प्लांट बेस्ड डाइट फॉलो करने से शरीर में प्रोटीन की जरूरत को पूरा नहीं किया जा सकता है। ऐसे में, आपको बता दें, कि यह बिल्कुल भी सच नहीं है। यानी जरूरी नहीं है कि आप गाय-भैंस का दूध, मछली या अंडा ही खाएं, बल्कि आप दाल, चावल, फलियां, बीन्स, सोयाबीन, टोफू इत्यादि से भी शरीर में पर्याप्त प्रोटीन की मात्रा का ख्याल रख सकते हैं।
मिथक : व्हे प्रोटीन छोड़ने के बाद होता है नुकसान
फैक्ट : बहुत से लोगों का मानना है कि व्हे प्रोटीन का सेवन छोड़ने के बाद शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। अगर आप भी मानते हैं कि इसे छोड़ने के बाद बिल्ड हुईं मसल्स कमजोर होने लगेंगी, तो बता दें कि इस बात में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। इसलिए इस बात से न घबराएं कि यह आपको उससे भी बदतर स्थिति में ला खड़ा करेगा, जहां से आपने शुरू किया था।
मिथक : नॉन वेज से ही पूरी होगी प्रोटीन की जरूरत
फैक्ट : अगर आप भी मानते हैं कि शरीर में प्रोटीन की जरूरत को पूरा करने के लिए मांसाहार यानी नॉन वेज का सेवन काफी जरूरी है, तो यह महज एक गलतफहमी है। बता दें, कि डाइट में डेयरी प्रोडक्ट्स, दाल, बीन्स, सोयाबीन, नट्स और ड्राई फ्रूट्स को शामिल करके भी प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा हासिल की जा सकती है। साथ ही, नॉन वेज के मुकाबले इनमें सैचुरेटेड फैट्स कम और फाइबर ज्यादा होता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी नहीं बढ़ता है।