Yoga Tips: पाचन समेत कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए कपालभाति का अभ्यास है फायदेमंद
Yoga Tips: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, कपालभाति प्राणायाम का रोजाना अभ्यास करने से किडनी-लिवर की सेहत पर भी अच्छा असर पड़ता है। अगली स्लाइड्स में जानें कपालभाति प्राणायाम के अभ्यास का स्वास्थ्य लाभ और कपालभाति करने की पूरी प्रक्रिया।
कैसे करते हैं कपालभाति प्राणायाम?
कपालभाति करने के लिए पद्मासन में बैठकर दोनों हाथों से चित्त मुद्रा बना लें। गहरी सांस अंदर की ओर लेते हुए झटके से सांस छोड़ें। इस दौरान पेट को अंदर की ओर खींचें। अगर आप कपालभाति करने की शुरुआत कर रहे हैं तो 5-10 मिनट ही अभ्यास करें और समय के साथ अभ्यास को बढ़ाएं।
कपालभाति प्राणायाम के फायदे
इस योग के अभ्यास से रक्त में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है।
सांस के इस योग से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और फेफड़े मजबूत होते हैं।
शरीर में विषाक्त और अन्य अपशिष्ट पदार्थों को निकालने में कपालभाति मदद करता है।
कपालभाति का नियमित अभ्यास पित्त के स्तर को नियंत्रित रखने और मेटाबाॅलिज्म दर को बढ़ाने में सहायक है।
मस्तिष्क की कोशिकाओं को सक्रिय करने और स्मृति व एकाग्रता शक्ति में सुधार के लिए ये योगासन लाभकारी है।
कपालभाति के अभ्यास से चिंता और तनाव दूर होता है।
त्वचा को सेहतमंद और चमकदार बनाने के लिए भी कपालभाति लाभकारी है।
जिन लोगों को अस्थमा और साइनस की समस्या है, उन्हें इन बीमारियों से छुटकारा दिलाने के लिए भी कपालभाति का नियमित अभ्यास फायदेमंद है।
पेट की कई दिक्कतों जिसमें पाचन संबंधी समस्याओं में सुधार भी शामिल है, को दूर करने में कपालभाति का अभ्यास लाभदायक हो सकता है।