कई बार जब आप अचानक खड़े होते हैं या सोकर उठते हैं या झुककर कोई वस्तु उठाकर सीधे खड़े होते हैं, तो आपको अचानक महसूस होता है कि आसपास सबकुछ हिल रहा है। आप किसी भी चीज को ठीक तरीके से देख नहीं पा रहे। इसके साथ-साथ तेज सिरदर्द, उल्टी और चक्कर आना जैसी परेशानियां भी महसूस होती हैं। हो सकता है आपने भी कभी ऐसा महसूस किया हो, लेकिन इग्नोर कर दिया हो। दरअसल, ये वर्टिगो का लक्षण भी हो सकता है। भारत में 9.9 मिलियन से ज्यादा लोग वर्टिगो का अनुभव करते हैं। दरअसल, इस बीमारी को वर्टिगो कहा जाता है।
क्या है वर्टिगो की बीमारी?
आपके आसपास की चीजें घूमती हुई नजर आती हैं? बार-बार जी मिचलाना और उल्टी सा महसूस होता है, तो हो सकता है आप वर्टिगो से पीड़ित हों। आम भाषा में वर्टिगो को चक्कर आना कहते हैं। इस बीमारी में दिमाग, कान के अंदरूनी हिस्से या संवेदी तंत्रिका मार्ग से संबंधित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत मिल सकता है। वर्टिगो को मोशन सिकनेस या बैलेंस डिसआर्डर भी कहते हैं।
हर 10 में से 1 इंसान पीड़ित
चक्कर आने को अनदेखा करना वर्टिगो से पीड़ित लोगों के लिए बहुत मुश्किल भरा हो सकता है। वर्टिगो दुनिया भर में 10 में से 1 व्यक्ति को प्रभावित करता है। इसका इलाज भी लंबा है। इसके उच्च प्रसार के बावजूद, रोगियों के बीच जागरूकता की कमी है, लेकिन एक बार जब किसी का सही निदान हो जाता है, तो इसका इलाज किया जा सकता है।
किन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है वर्टिगो
अक्सर वर्टिगो वाले लोग सही इलाज नहीं करा पाते हैं। वर्टिगो किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर बुजुर्गों में ज्यादा देखा जाता है। न्यूरोसर्जन के मुताबिक 40 से ज्यादा उम्र के लगभग 30 प्रतिशत लोग और 80 साल से ज्यादा की उम्र के 50 प्रतिशत लोग वर्टिगो और चक्कर का अनुभव करते हैं। भारत की बुजुर्ग आबादी (60 वर्ष और उससे अधिक) में यह 2031 तक 194 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है।
वर्टिगो अटैक ज्यादातर महिलाओं को
हालांकि वर्टिगो खतरनाक नहीं है लेकिन चक्कर आने पर अचानक गिरने से फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ जाता है, कभी कभी ये जानलेवा भी साबित हो सकता है। गिरने का डर चिंता और अवसाद को भी ट्रिगर कर सकता हैं। महिलाओं में वर्टिगो ज्यादा आम है और पुरुषों की तुलना में महिलाओं के वर्टिगो से पीड़ित होने की संभावना दो से तीन गुना ज्यादा होती है। हालांकि इसका कारण स्पष्ट नहीं है लेकिन डॉक्टर्स का मानना है कि इसके पीछे हार्माेनल एक्टिविटी जिम्मेदार हो सकती हैं। वर्टिगो एक महिला के जीवन के विभिन्न चरणों में बढ़े हुए हार्माेनल उतार-चढ़ाव का परिणाम हो सकता है। कुछ महिलाओं को पीरियड्स से पहले वर्टिगो का अनुभव होता है जोकि माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है। इसके अलावा शरीर में ब्लड की सप्लाई कम होने से ब्लड प्रेशर गिरने लगता है जिस वजह से वर्टिगो का अटैक आ सकता है। वर्टिगो का प्रभाव थोड़ी देर के लिए भी रह सकता है और बहुत ज्यादा देर तक भी।
वर्टिगो का कारण
शरीर में ब्लड की सप्लाई कम होने से ब्लड प्रेशर गिरने लगता है जिस वजह से वर्टिगो का अटैक आ सकता है। इसमें चक्कर आने लगता है। लगातार काम करते रहने के चलते खानपान को अवॉयड करने की गलती भी इसकी एक बड़ी वजह है क्योंकि इससे काम करने के लिए बॉडी को एनर्जी ही नहीं मिलती जिसकी उसे जरूरत होती है। इसके अलावा बहुत ज्यादा टेंशन लेने से भी ऐसा हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, वर्टिगो का प्रभाव थोड़ी देर के लिए भी रह सकता है और बहुत ज्यादा देर तक भी।
इसके कुछ अन्य कारण भी हैं जैसे:-
1. कान की ब्लड वेसेल्स में कैल्शियम कार्बाेनेट का कचरा जमा होना
2. कान के अंदर किसी तरह का संक्रमण होना
3. मेनियार्स रोग की वजह से
4. वेस्टीब्यूलर माइग्रेन के कारण
5. लेब्रिथीनाइटिस
क्या है वर्टिगो के लक्षण
1. अचानक चक्कर आना
2. दुनिया घूम रही है ऐसा महसूस होना
3. केंद्रित करने में समस्या
4. एक कान से कम सुनाई देना
5. कान में घंटी सुनाई देना
6. पसीना आना
7. उल्टी और मितली